महाराष्ट्र सियासत: फडणवीस ही क्यों बने महाराष्ट्र के लिए बीजेपी की पहली पसंद? इन पांच बातों से समझें क्यों नहीं बदला सीएम फेस
- महाराष्ट्र के सीएम बनेंगे देवेंद्र फडणवीस
- महाराष्ट्र चुनाव में फडणवीस ने की कड़ी मेहनत
- आरएसएस में फडणवीस की पकड़ मजबूत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र की सियासत में जारी सीएम फेस को लेकर हलचल बुधवार को खत्म हो गई। बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस एक बार फिर महाराष्ट्र के सीएम बनने वाले हैं। हालांकि, पहले से भी माना जा रहा था कि सीएम बीजेपी खेमे से ही बनेगा। जिसमें फडणवीस का नाम सबसे ऊपर था। आखिरकार एक हफ्ते से जारी सियासी घमासान खत्म हुआ। इस बीच सियासी गलियारों में चर्चा है कि आखिर बीजेपी ने महाराष्ट्र में सीएम पद के लिए मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हरियाणा जैसा फॉर्मूला क्यों नहीं लागू किया।
बता दें कि, साल 2023 के मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बीजेपी को जीत मिली। इसके बाद पार्टी ने तीनों राज्यों में सीएम फेस के लिए नए चेहरे को मौका दिया। वहीं, हरियाणा में बीजेपी ने चुनाव से पहले ही इसी साल मार्च महीने में ही सीएम को बदल दिया गया। नायब सिंह सैनी सीएम चुने गए। फिर हरियाणा में इसी साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव हुए। जिसमें बीजेपी को बहुमत मिला। इसके बाद पार्टी ने फिर नायब सिंह सैनी पर ही भरोसा जताया। ऐसे में समझने की कोशिश करते हैं कि हाल में लगातार सीएम फेस बदलने वाली बीजेपी महाराष्ट्र में पुराने सीएम फेस पर क्यों भरोसा जताया? साथ ही, वह क्या कारण रहे जिसके चलते बीजेपी के लिए फडणवीस सीएम फेस की पहली पसंद बने।
फडणवीस पर भरोसा क्यों?
महाराष्ट्र की राजनीति में बीजेपी की ओर से देवेंद्र फडणवीस काफी बड़े नेता के तौर पर जाने जाते हैं। काफी अनुभवी नेता होने के साथ-साथ उनकी छवि साफ सुथरे नेताओं में गिनी जाती है। वह 6 बार विधायकी का चुनाव जीत चुके हैं। संगठन और पार्टी नेताओं में उनकी पकड़ काफी मजबूत है। साथ ही, वह आरएसएस और बीजेपी के बीच बेहतरीन तालमेल के साथ काम करते हैं। इसके अलावा उनकी राज्य में सभी वर्ग और क्षेत्र में अच्छी खासी पैठ है।
फडणवीस साल 2014 से 2019 तक बीजेपी की ओर से महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद संभाल चुके हैं। वहीं, वह साल 2019 के अक्टूबर महीने में दोबारा मुख्यमंत्री बने थे। लेकिन शिवसेना ने अपना समर्थन वापस ले लिया। जिसके बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद साल 2022 में शिवसेना की ओर से एकनाथ शिंदे ने कई विधायकों को पार्टी से तोड़कर अपने साथ लाए। जिसके चलते एक बार फिर बीजेपी की राज्य में वापसी हुई। तब फडणवीस को महाराष्ट्र में नए चाणक्य के तौर भी पहचान मिली। फिर शिंदे ने राज्य में सीएम कुर्सी संभाली। वहीं, देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम बने। बार- बार बड़ी जिम्मेदारी मिलना फडणवीस की लोकप्रियता को दर्शाता है।
फडणवीस कैसे बने सीएम की पहली पसंद?
साल 2019 में जब उद्धव ठाकरे सीएम बने तो बीजेपी को विपक्ष में रहना पड़ा। तब फडणवीस ने काफी बेहतरीन तरीके से विपक्षी नेता के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभाई। उन्होंने कोरोनाकाल में अर्थव्यवस्थाओं को लेकर भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में सरकार को घेरा। जिसके चलते सरकार में रहते हुए उद्धव ठाकरे बैकफुट पर दिखाई दिए। इस दौरान भी राज्य में फडणवीस का कद बढ़ा।
साल 2024 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन नहीं किया। जिसकी जिम्मेदारी भी फडणवीस ने ली। इसके बाद करीब पांच महीने बाद महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव हुए। जिसमें बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया। इस जीत में फडणवीस ने आरएसएस कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर बेहतरीन काम किया। उन्होंने राज्य के हर क्षेत्र के लिए अलग-अलग रणनीति बनाई। जिस पर उन्होंने सभी नेताओं के साथ मिलकर काम किया। वह पिछली गलतियों से सीख लेते हुए भी काम किए। जिसके चलते बीजेपी ने राज्य की 149 सीटों में से 132 सीटों पर जीत हासिल की। ऐसे में राजनीति में देवेंद्र फडणवीस ऑलराउंडर बनकर उभरे। साथ ही, उन्होंने लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव में अपनी राजनीतिक करियर का लौहा मनवाया।
Created On :   4 Dec 2024 5:12 PM IST