Farmers Protest: गाजीपुर बॉर्डर दोनों तरफ से बंद, धारा 144 लागू, राकेश टिकैत बोले- हम हटने वाले नहीं
Farmers Protest: गाजीपुर बॉर्डर दोनों तरफ से बंद, धारा 144 लागू, राकेश टिकैत बोले- हम हटने वाले नहीं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस पर आयोजित की गई किसानों की ट्रैक्टर रैली में हिंसा के बाद अब योगी सरकार एक्शन में नजर आ रही है। दिल्ली-यूपी गाजीपुर बॉर्डर पर करीब दो महीनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों को हटाने के निर्देश उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी डीएम और एसपी को दिए हैं। इसके बाद गाजियाबाद के डीएम ने आदेश जारी कर सभी प्रदर्शनकारियों को धरना स्थल खाली करने को कहा है। गाजीपुर बॉर्डर विरोध स्थल पर सुरक्षा बलों की भारी तैनाती भी कर दी गई है।
गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस ने धारा 144 लगा दी है। गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद प्रदर्शनकारी किसानों को पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 133 के तहत नोटिस थमाया है। प्रदर्शनकारियों को हटने के लिए कहा गया है। जिला प्रशासन ने उनसे तुरंत सड़क खाली करने को कहा है।
गाजीपुर बॉर्डर को दोनों तरफ से बंद कर दिया गया है। ट्रैफिक पुलिस ने लोगों को गाजीपुर से ना जाने की सलाह दी है। ट्रैफिक को रोड न.56, अक्षरधाम और निजामुद्दीन के लिए डायवर्ट कर दिया गया है। ट्रैफिक पुलिस ने NH-9, NH-24 से बचने की सलाह दी है। गाजीपुर बॉर्डर पर तैनात प्रीत विहार के एसीपी वीरेंद्र पुंज का कहना है कि किसानों को अपने आप गाजीपुर बॉर्डर खाली कर देना चाहिए। हमने तो शांति की अपील पहले भी की थी, आज भी कर रहे हैं।
एक तरफ प्रशासन जहां गाजीपुर बॉर्डर को खाली कराने में जुटा है तो वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि वो नहीं हटेंगे। राकेश टिकैत ने कहा कि पुलिस चाहे तो गोली मार दे, हम हटने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हम सिर्फ सरकार से बात करेंगे। हम यूपी-पुलिस प्रशासन से बात नहीं करेंगे। बीजेपी के लोग यहां पर क्या कर रहे हैं।
गाजीपुर बॉर्डर पर स्थानीय लोग भी पहुंच गए और आंदलोनकारियों के खिलाफ नारेबाजी की। स्थानीय लोग चाहते थे कि प्रदर्शनकारी सड़कों को खाली करें। वहीं किसान नेता राकेश टिकैत गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वो सरेंडर नहीं करेंगे और धरना जारी रहेगा। टिकैत ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस धरने पर गिरफ्तारी का प्रयास कर रहा है। उत्तर प्रदेश गाजीपुर बॉर्डर पर कोई हिंसा नहीं हुई है, इसके बावजूद सरकार दमनकारी नीति अपना रही है। यह उत्तर प्रदेश सरकार का चेहरा है।
राकेश टिकैत ने कहा कि लाल किले पर कौन लोग थे, सुप्रीम कोर्ट के जज उसकी जांच करें। राकेश टिकैत ने कहा कि दीप सिद्धू कौन है, उसका किसके साथ कनेक्शन है? तिरंगे का अपमान कोई भी बर्दाश्त नहीं करेगा।
बता दें कि पिछले 26 नवंबर से किसान तीन कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली एनसीआर के बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं। किसान और सरकार के बीच अब तक 11 दौर की वार्ता हुई, लेकिन कोई ठोस हल नहीं निकल पाया। किसानों ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, वो वापस नहीं जाएंगे। ऐसे में किसानों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकाली जिसमें जमकर हिंसा देखने को मिली।
तय रूट का पालन न करते हुए किसान रैली में मौजूद प्रदर्शनकारी हाथ में लाठी-डंडा लेकर दिल्ली में दाखिल हुए थे। इस दौरान कुछ लोग लाल किले की प्राचीर पर भी चढ़ गए और उन्होंने वहां अपना झंडा फहराया। इसके अलावा उन्होंने सार्वजनिक संपत्ति को भी भारी नुकसान पहुंचाया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच भी हिंसक झड़पें हुईं जिनमें 300 के करीब पुलिस वाले भी घायल हो गए। इसके अलावा इस हिंसा में एक किसान की भी मौत हो गई थी।