क्या दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र का टूर करना चाहते हैं? अब आप कर सकते हैं
क्या दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र का टूर करना चाहते हैं? अब आप कर सकते हैं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को खत्म करने के बाद सियाचिन क्षेत्र अब पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। पर्यटक अब सियाचिन बेस से लेकर कुमार पोस्ट तक घूमने के लिए जा सकेंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को इसकी जानकारी दी।
सियाचिन ग्लेशियर लद्दाख का हिस्सा है जिसे अब नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू और कश्मीर राज्य से अलग करके एक केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया है। सियाचिन भारतीय सेना और पाकिस्तान समर्थित चरमपंथियों के बीच कारगिल युद्ध का स्थल है। इसे व्यापक रूप से दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र कहा जाता है।
कुमार पोस्ट 15,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर है। पर्यटक 11,000 फीट की दूरी पर बेस कैंप से कुमार पोस्ट तक यात्रा कर सकेंगे। इसका मतलब है कि सेना द्वारा बेस कैंप से कुमार पोस्ट तक आयोजित वार्षिक अभियान के अलावा, पर्यटक स्वतंत्र रूप से यात्रा करने में सक्षम होंगे।
राजनाथ सिंह ने एक ट्वीट में कहा, "लद्दाख में पर्यटन की काफी संभावनाएं हैं। लद्दाख में बेहतर कनेक्टिविटी निश्चित रूप से पर्यटकों को बड़ी संख्या में लाएगी। सियाचिन क्षेत्र अब पर्यटकों और पर्यटन के लिए खुला है। सियाचिन बेस कैंप से कुमार पोस्ट तक, पूरे क्षेत्र को पर्यटन के उद्देश्य से खोला गया है।"
Ladakh has tremendous potential in Tourism. Better connectivity in Ladakh would certainly bring tourists in large numbers.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 21, 2019
The Siachen area is now open for tourists and Tourism. From Siachen Base Camp to Kumar Post, the entire area has been opened for Tourism purposes.
13,000 से 22,000 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित इस ग्लेशियर पर जमा देने वाली ठंड में भारतीय सैनिक देश की रक्षा के लिए हर समय तैनात रहते हैं। दुश्मन की गोली से ज्यादा मुश्किल यहां ठंड से निपटना है। यहां जवानों को -50 डिग्री तापमान तक का सामना करना पड़ता है, यहां अधिकतर जानें हिमस्खलन में जाती हैं।
बता दें कि सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने एक सेमिनार के दौरान इस योजना का जिक्र किया था। इस सेमिनार में वरिष्ठ लेफ्टिनेंट जनरलों सहित कई अधिकारी शामिल हुए थे। सेना के टॉप सूत्रों ने बताया था कि सेमिनार में सेना के प्रमुख ने कहा, "सेना और इसके ऑपरेशनल चैलेंज के बारे में जानने की लोगों की उत्सुकता बढ़ गई है, यह राष्ट्रीय एकीकरण के लिए अच्छा होगा।"
सूत्रों ने बताया था कि लद्दाख और आस-पास के स्थानों पर जाने वाले भारतीय फेमस कारगिल युद्ध के टाइगर हिल जैसे प्रमुख स्थानों की यात्रा करने की अनुमति का अनुरोध करते रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान भारतीय सेना की इस योजना का विरोध कर सकता है? सूत्रों ने कहा था कि पूरा क्षेत्र भारत का है और इन मामलों पर फैसला लेने का अधिकार भारतीय प्रशासन के पास है।
2007 से भारत आम नागरिकों को सियाचिन बेस कैंप से 11,000 से 21,000 फीट तक की ऊंचाई पर स्थित अन्य स्थानों पर ट्रेकिंग करने की अनुमति दे रहा है। लेकिन अब सेना की कुछ चौकियों तक जाने की अनुमति दे दी गई है