बारिश से नहीं मिली राहत, कम दबाव का क्षेत्र तेज होने की है संभावना
आंध्र प्रदेश का हाल बारिश से नहीं मिली राहत, कम दबाव का क्षेत्र तेज होने की है संभावना
- हाईवे पर पानी भर जाने के कारण सैकड़ों वाहन चालक परेशान
डिजिटल डेस्क, अमरावती। दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश में भारी बारिश से कोई राहत नहीं मिली है, क्योंकि इस क्षेत्र के कुछ हिस्सों में मंगलवार को भारी बारिश देखने को मिली है, जबकि अंडमान सागर में कम दबाव का क्षेत्र तेज हो सकता है और 3-4 दिसंबर तक राज्य में और बारिश हो सकती है। कम दबाव के क्षेत्र के प्रभाव से नेल्लोर जिले में मंगलवार को लगातार चौथे दिन बारिश हुई है। पंबलेरू नदी में बाढ़ के कारण गुडूर और मनुबोलू के बीच नेल्लोर और चेन्नई को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 16 पर यातायात प्रभावित हुआ। हाईवे पर पानी भर जाने के कारण सैकड़ों वाहन सड़क के दोनों ओर फंसे रहे।
मनुबोलू में एक टैंक के ओवरफ्लो होने के कारण सड़क पर जलमग्न हो गयी। टैंक को कंडालेरु बांध से बाढ़ का पानी मिल रहा था। हाल ही में हुई बारिश और बाढ़ से हुई तबाही से अभी तक उबरे नेल्लोर जिले में रविवार रात से ही भारी बारिश हो रही है। जिले के कुछ गांवों में नदियों, जलाशयों और तालाबों के उफान पर रहने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नेल्लोर जिले के सीतारामपुरम और विंजामुर में पिछले 24 घंटों के दौरान 11 और 9 सेंटीमीटर बारिश हुई। प्रकाशम जिले के वेलिगंडला में 10 सेमी बारिश दर्ज की गई, जबकि वाईएसआर कडपा जिले के पोरुमामिला में 9 सेमी बारिश हुई।
इस बीच, अंडमान सागर के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना के कारण तटीय आंध्र प्रदेश में और बारिश होने की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, कम दबाव का क्षेत्र 3 दिसंबर के आसपास मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती तूफान में तेज हो सकता है। आईएमडी ने कहा, आज 08.30 घंटों से दक्षिण थाईलैंड और उसके पड़ोस में एक कम दबाव बना हुआ है। इसके अगले 12 घंटों के दौरान अंडमान सागर में उभरने की संभावना है। इसके बाद, इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और दक्षिण-पूर्व में एक अवसाद में केंद्रित होने की संभावना है। 2 दिसंबर तक बंगाल की पूर्व-मध्य खाड़ी से सटे और बाद के 24 घंटों के दौरान बंगाल की खाड़ी के मध्य भागों में एक चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा। इसके बाद, इसके उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और तेज होने और 4 दिसंबर की सुबह के आसपास उत्तर आंध्र प्रदेश-ओडिशा तटों तक पहुंचने की संभावना है।
3 दिसंबर की शाम/रात से उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश और दक्षिण तटीय ओडिशा में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा के साथ कई स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। आईएमडी ने अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा, भारी से बहुत भारी वर्षा और तटीय ओडिशा में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा और 4 दिसंबर को ओडिशा के निकटवर्ती आंतरिक जिलों, पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों और उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा का पूर्वानुमान लगाया है। 3 दिसंबर की मध्यरात्रि से उत्तरी आंध्र प्रदेश-ओडिशा तट के साथ-साथ 45-55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवा की गति शुरू होने की संभावना है और अगले 12 घंटों के लिए 4 दिसंबर की दोपहर से धीरे-धीरे 70-80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ेगी।
13 नवंबर से 20 नवंबर तक बंगाल की खाड़ी में डिप्रेशन के कारण दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश और रायलसीमा में भारी से बहुत भारी बारिश हुई। नेल्लोर, चित्तूर, कडप्पा और अनंतपुर जिलों में भारी बारिश और बाढ़ ने कम से कम 40 लोगों की जान ले ली। अधिकारियों के मुताबिक 25 लोग लापता हो गए। 196 मंडलों और चार कस्बों के करीब 1,402 गांव बारिश से प्रभावित हुए हैं। फसलों के नुकसान और बुनियादी ढांचे के नुकसान की लागत 6,000 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है।
(आईएएनएस)