गौतम अडानी को अर्श से फर्श पर लाने वाली हिंडनबर्ग कंपनी गिरते शेयरों से कैसे कमाती है पैसा? एक जानलेवा हादसे के बाद कंपनी को मिला ये नाम
क्या है हिंडनबर्ग? गौतम अडानी को अर्श से फर्श पर लाने वाली हिंडनबर्ग कंपनी गिरते शेयरों से कैसे कमाती है पैसा? एक जानलेवा हादसे के बाद कंपनी को मिला ये नाम
- यह कंपनी अपनी टारगेट कंपनियों के खिलाफ शर्त लगाकर प्रॉफिट कमाती है
डिजिटल डेस्क, मुंबई। एशिया के सबसे अमीर और दुनिया के चौथे सबसे अमीर शख्स गौतम अडानी पिछले दस दिनों में अर्श से फर्श पर पहुंच चुके हैं। पिछले महीने 24 जनवरी से अब तक अडानी की संपत्ति में अरबों डॉलर का नुकसान हो चुका है। साल 2022 में अडानी ने जिनकी तेजी से दौलत कमाई थी उससे कई गुना अधिक तेजी से उन्होंने उसे गंवाना शुरु कर दिया है। महज दस दिन पहले तक दुनिया भर के रईसों की लिस्ट में चौथे पायदान पर रहने वाले अडानी अब टॉप-20 से भी बाहर हो चुके हैं। एशिया के किंग की इस हालत की वजह केवल एक निगेटिव रिपोर्ट है जिसे अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने दुनिया के सामने रखा था। आइए जानते हैं अडानी को धराशाही करने वाली इस कंपनी के बारे में
क्या है रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग?
अडानी के खिलाफ निगेटिव रिपोर्ट जारी करने वाली इस कंपनी की शुरुआत नाथन एंडरसन ने साल 2017 में की थी। नाथन एंडरसन की यह कंपनी एक फॉरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च कंपनी है। यह कंपनी शेयर मार्केट, इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव्स पर रिसर्च करती है। अपनी इस रिसर्च से हिंडनबर्ग यह पता लगाती है कि कहीं कोई कंपनी अपने फायदे के लिए शेयर मार्केट में गलत तरह से काम तो नहीं कर रही है। अपनी रिसर्च पूरी करने के बाद कंपनी एक विस्तार रिपोर्ट सबके सामने रख देती है। यह कंपनी जिस भी कंपनी की रिपोर्ट सामने लाती है उसके शेयर में भारी गिरावट देखने को मिलती है। जैसा की इस बार गौतम अडानी के साथ हुआ है।
कौन हैं हिंडनबर्ग के फाउंडर नाथन एंडरसन?
शेयर मार्केट की दुनिया में अपनी एक रिपोर्ट से बड़ी-बड़ी कंपनियों को धाराशाही करने वाली हिंडनबर्ग कंपनी के फाउंडर नाथन एंडरसन हैं। जिन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ कनेक्टीकट से इंटरनेशनल बिजनेस में ग्रेजुएशन किया है। ग्रेजुएशन करने के बाद एंडरसन ने एक डेटा रिसर्च कंपनी में काम करना शुरु किया। इस कंपनी में इंवेस्टमेंट मैनेजमेंट से जुड़ा काम करते-करते एंडरसन ने डेटा और शेयर मार्केट की बारीकियों को समझा। जिसके परिणाम स्वरूप उन्होंने एक फाइनेंशियल रिसर्च कंपनी "हिंडनबर्ग" की शुरुआत की। एंडरसन की यह कंपनी अपनी टारगेट कंपनियों के खिलाफ शर्त लगाकर प्रॉफिट कमाती है।
ऐसे पड़ा कंपनी का नाम?
जिस तरह हिंडनबर्ग कंपनी अपनी रिपोर्ट से बड़ी-बड़ी कंपनियों को दर्द देती है। उसी तरह नाथन एंडरसन की इस कंपनी का नाम भी एक बेहद दर्दनाक हादसे से जुड़ा है। दरअसल, 6 मई 1937 के दिन जर्मन एयर स्पेसशिप हिंडनबर्ग ने ब्रिटेन के मैनचेस्टर शहर से उड़ान भरी। लेकिन हाइड्रोजन गुब्बारों में आग लगने की वजह से स्पेसशिप हवा में ही क्रैश हो गया। इस हादसे में 35 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। चूंकि इससे पहले भी कई बार हाइड्रोजन के गुब्बारों में आग लगने की वजह से ऐसी घटनाए हो चुकी थी। इसलिए एंडरसन का मानना था कि स्पेसशिप कंपनी पहले की घटनाओं से सीखकर इस हादसे को टाल सकती थी। 80 साल पहले हुई इस घटना ने नाथन एंडरसन के दिमाग पर बहुत गहरा असर डाला। इसे ध्यान में रखकर नाथन एंडरसन ने अपनी फाइनेंशियल कंपनी जिसका उद्देश्य शेयर मार्केट में गड़बड़ी करने वालों की पोल खोलना था उसका नाम "हिंडनबर्ग" रखा।