क्या है चारा घोटाला, इस केस से जुड़ी हर बात जो आप जानना चाहते हैं
क्या है चारा घोटाला, इस केस से जुड़ी हर बात जो आप जानना चाहते हैं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाले पर रांची की सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। करीब 950 करोड़ रुपए के इस घोटाले में लालू यादव समेत 15 लोगों को दोषी करार दिया गया है, वहीं जगन्नाथ मिश्रा, ध्रुव भगत और पूर्व पशुपालन मंत्री विद्यासागर निषाद समेत 7 लोगों को बरी कर दिया गया है। लालू को कोर्ट से सीधे रांची की बिरसा मुंडा जेल ले जाया गया है
क्या था आज का मामला
जनवरी 1996 में करीब 950 करोड़ का चारा घोटाला उजागर हुआ। तत्कालीन उपायुक्त अमित खरे ने पशुपालन विभाग के दफ्तरों पर छापा मारा। ऐसे दस्तावेज हाथ लगे, जिससे पता लगा कि 1990 के दशक में ऐसी कंपनियों को सरकारी कोषागार से चारा आपूर्ति के नाम पर पैसे जारी किए गए, जो थी ही नहीं।
2012 में तय हुए आरोप
बता दें कि मार्च 2012 में चारा घोटाले से जुड़े एक केस में 44 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। सीबीआई कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव, जगन्नाथ मिश्र, जहानाबाद के तत्कालीन जेडीयू सांसद जगदीश शर्मा समेत 31 के खिलाफ बांका और भागलपुर कोषागार में हुई धोखाधड़ी मामले में आरोप तय किए।
क्या है चारा घोटाला
चारा घोटाला पहली बार साल 1996 में सामने आया, जब बिहार के पशुपालन विभाग में करोड़ों रुपए के घोटाले का खुलासा हुआ था। उस वक्त लालू प्रसाद यादव की सरकार थी। ये घोटाला तकरीबन 950 करोड़ रुपए का है। बता दें कि चारा घोटाले में 3 मामले हैं और इन तीनों मामलों में लालू प्रसाद यादव आरोपी हैं। अगर इन तीनों में से किसी एक में भी लालू यादव को कोर्ट ने दोषी ठहराया तो उन्हें तुरंत जेल जाना पड़ सकता है। सीबीआई पहले ही लालू को इस मामले में अपनी जांच में दोषी करार दे चुकी है
बता दें कि केंद्र सरकार गरीब आदिवासियों को अपनी योजना के तहत गाय, भैंस, मुर्गी और बकरी पालन के लिए आर्थिक मदद मुहैया करा रही थी। इस दौरान मवेशी के चारे के लिए भी पैसे आते थे। लेकिन गरीबों के गुजर-बसर और पशुपालन में मदद के लिए केंद्र सरकार की तरफ से आए पैसे का गबन कर लिया गया था।
चारा घोटाला मामले में कुल 56 आरोपियों के नाम शामिल हैं, जिनमें राजनेता, अफसर और चारा सप्लायर तक जुड़े हुए हैं।
चारा घोटाले में लालू यादव पर 6 अलग-अलग मामले लंबित हैं और इनमें से एक में उन्हें 5 साल की सजा हो चुकी है।
लालू प्रसाद यादव और जेडीयू नेता जगदीश शर्मा को घोटाला मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद लोक सभा से अयोग्य ठहराया गया।
चुनाव आयोग के नए नियमों के अनुसार लालू प्रसाद पर 11 साल तक लोक सभा चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
बता दें कि 3 अक्टूबर 2013 को चारा घोटाले से ही जुड़े एक मामले में 37 करोड़ रुपये के गबन को लेकर लालू यादव को दोषी पाते हुए सजा सुनाई गई और उन पर 25 लाख रुपए का जुर्माना भी किया।
लालू यादव को रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद किया गया था।
हालांकि दिसंबर 2013 में उन्हें कोर्ट से जमानत भी मिल गई थी।
ऐसे चला घटनाक्रम
- 1996 में उपायुक्त अमित खरे ने पशुपालन विभाग के दफ्तरों पर छापा मारा और उन्हें ऐसे दस्तावेज मिले चारा आपूर्ति के नाम पर अस्तित्वहीन कंपनियों द्वारा धन की हेराफेरी का पता चल सका, इसके बाद चारा घोटाला सामने आया
- 11 मार्च 1996 को पटना हाईकोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को इस घोटाले की जांच का आदेश दिया, हाईकोर्ट ने इस आदेश पर मुहर लगाई
- सीबीआई ने 27 मार्च 1996 को चाईंबासा खजाना मामले में प्राथमिकी दर्ज की
- 23 जून 1997 को सीबीआई ने आरोप पत्र दायर किया और लालू यादव को आरोपी बनाया
- लालू यादव ने 30 जुलाई 1997 को सीबीआई अदालत में आत्मसमर्पण किया. अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा
- इसमें पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा और पूर्व केंद्रीय मंत्री चंद्रदेव प्रसाद वर्मा भी थे
- जगन्नाथ मिश्रा को अग्रिम जमानत मिल गई, लेकिन लालू की अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो गई
- लालू ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई और 29 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया
- 5 अप्रैल 2000 को विशेष सीबीआई अदालत में आरोप तय किया
- फरवरी 2002 रांची की विशेष सीबीआई अदालत में सुनवाई शुरू हुई
- 13 अगस्त 2013 को हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई कर रही निचली अदालत के न्यायाधीश के स्थानांतरण की लालू प्रसाद की मांग खारिज की
- 30 सितंबर 2013 को बिहार के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों लालू प्रसाद और जगन्नाथ मिश्र और 45 अन्य को सीबीआई न्यायाधीश प्रवास कुमार सिंह ने दोषी ठहराया
- सीबीआई अदालत ने 3 अक्टूबर 2013 को लालू यादव को पांच साल के जेल की सजा सुनाई
- उन पर 25 लाख रुपए का जुर्माना भी किया
- लालू यादव को रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद किया गया
- उन्हें दिसंबर में जमानत मिल गई
- 8 मई 2017 को चारा घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की दलील मान ली
- कोर्ट ने कहा है कि हर केस में अलग-अलग ट्रायल होगा
- अब लालू प्रसाद के खिलाफ आपराधिक साजिश का केस चलेगा
- गौरतलब है कि इस घोटाले से जुड़े 7 आरोपियों की मौत हो चुकी है जबकि 2 सरकारी गवाह बन चुके हैं
- एक ने अपना गुनाह कबूल कर लिया और एक आरोपी को कोर्ट से बरी किया जा चुका है