रैपिड एंटीजन टेस्ट ओमिक्रॉन का पता लगाने के लिए कम संवेदनशील

यूएस एफडीए रैपिड एंटीजन टेस्ट ओमिक्रॉन का पता लगाने के लिए कम संवेदनशील

Bhaskar Hindi
Update: 2021-12-29 17:30 GMT
रैपिड एंटीजन टेस्ट ओमिक्रॉन का पता लगाने के लिए कम संवेदनशील
हाईलाइट
  • निष्कर्ष यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के सहयोग से एफडीए द्वारा किए गए एक अध्ययन पर आधारित हैं

डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन। अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) के अनुसार, रैपिड एंटीजन टेस्ट बेशक ओमिक्रॉन वैरिएंट का पता लगा सकते हैं, लेकिन यह कम संवेदनशील हो सकते हैं।

निष्कर्ष यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) के सहयोग से एफडीए द्वारा किए गए एक अध्ययन पर आधारित हैं।

एफडीए ने एक बयान में कहा, शुरूआती आंकड़ों से पता चलता है कि एंटीजन टेस्ट ओमिक्रॉन का पता तो लगाता है, लेकिन संवेदनशीलता कम हो सकती है।

दरअसल संवेदनशीलता एक माप है कि एक परीक्षण कोरोना पॉजिटिव का पता लगाने में कितना सक्षम है।

बयान के अनुसार, प्रारंभिक अध्ययनों में पाया गया है कि पिछले परीक्षण में लाइव वायरस के बजाय गर्मी-निष्क्रिय वायरस के नमूनों पर ध्यान केंद्रित किया गया था और प्रदर्शन में गिरावट अब तक नहीं देखी गई है।

एफडीए ने कहा कि यह एंटीजन टेस्ट के उपयोग को ऑथराइज करना जारी रखेगा। एंटीजन टेस्ट कोविड-19 के सतही प्रोटीन का पता लगाकर काम करता है। एफडीए का कहना है कि लोगों को निर्देशों के अनुसार इस टेस्ट का उपयोग करना जारी रखना चाहिए।

यह खबर ऐसे समय पर सामने आई है, जब देश-दुनिया में कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं। अधिक सटीक पीसीआर परीक्षणों के लिए लंबे समय तक प्रतीक्षा करनी पड़ रही है, इसलिए कई सार्वजनिक स्थलों पर तेजी से टेस्टिंग के लिए रैपिड प्रणाली का इस्तेमाल किया जा रहा है।

अगर सरल शब्दों में कहें तो कोविड के पहले के वैरिएंट्स की तुलना में नए ओमिक्रॉन वैरिएंट को रैपिड टेस्टिंग से पकड़ पाना थोड़ा मुश्किल है। इस लिहाज से हो सकता है कि इस रिपोर्ट में टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आ जाए, मगर असल में व्यक्ति ओमिक्रॉन से संक्रमित हो।

पूरे अमेरिका में बढ़ते कोविड के मामले घर पर तेजी से परीक्षण की उच्च मांग को प्रेरित कर रहे हैं। एंटीजन परीक्षण घर पर किया जा सकता है, जिसके परिणाम मिनटों में आ जाते हैं, जबकि पीसीआर परीक्षण प्रयोगशालाओं में संसाधित होते हैं और इसमें अधिक समय लगता है।

हालांकि, एंटीजन परीक्षण आम तौर पर कम संवेदनशील होते हैं। यानी इनके निगेटिव परिणाम आने पर ऐसा शत प्रतिशत नहीं कहा जा सकता कि व्यक्ति पॉजिटिव नहीं हो सकता है।

इसे इस तरह से समझा जा सकता है कि एफडीए ने लंबे समय से एक सिफारिश करते हुए कहा है कि यदि कोई व्यक्ति एंटीजन परीक्षण में निगेटिव पाया जाता है, लेकिन उसे कोविड-19 होने का संदेह है या उसे ऐसे कोई लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो उसे पूरी तरह से कोविड-19 संक्रमण का निर्धारण करने के लिए मोलेक्यूलर टेस्टिंग करानी चाहिए।

दूसरी ओर, ब्रिटेन में इस्तेमाल किया जाने वाला लेटरल फ्लो टेस्ट कोविड वैरिएंट का पता लगाने में एंटीजन टेस्ट की तुलना में अधिक प्रभावी है। यह पीसीआर परीक्षण का विकल्प भी प्रदान करता है।

 

(आईएएनएस)

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