उन्नाव गैंगरेप केस : सरकार ने HC से कहा, MLA के खिलाफ कोई सबूत नहीं
उन्नाव गैंगरेप केस : सरकार ने HC से कहा, MLA के खिलाफ कोई सबूत नहीं
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उन्नाव गैंगरेप केस में मुख्य आरोपी माने जा रहे बीजेपी विधायक कुलदीप सिंग सेंगर के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है। इससे पहले बुधवार रात को ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले की जांच CBI से कराने और बीजेपी विधायक समेत अन्य के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश दिए थे। इसके साथ रेप पीड़िता के पिता के इलाज में लापरवाही बरतने के मामले में भी डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के 3 अफसर भी सस्पेंड कर दिए गए हैं। बता दें कि बुधवार को बीजेपी विधायक पुलिस के सामने पेश किए गए, लेकिन उन्होंने सरेंडर करने से मना कर दिया।
गुरुवार को क्या-क्या हुआ?
- सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से कहा कि "अभी बीजेपी विधायक के खिलाफ कोई सबूत नहीं है, जब कोई सबूत होगा तो गिरफ्तारी होगी।" इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि "इसी तरह के बाकी मामलों में भी क्या सबूतों का इंतजार करते हैं?"
- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्नाव गैंगरेप केस पर सुनवाई करते हुए योगी सरकार से पूछा- एक घंटे में बताएं आरोपी बीजेपी विधायक को गिरफ्तार करेंगे या नहीं?
- यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में विधायक को "माननीय" कहकर संबोधित किया। इस पर जब मीडिया वालों ने सवाल उठाए तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि "विधायक को सम्मान देने में कोई गलत नहीं है। वो अभी सिर्फ आरोपी हैं, उनको दोषी करार नहीं दिया गया है।"
- प्रमुख सचिव (गृह) अरविंद कुमार और डीजीपी ओपी सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि "अभी आरोपों के आधार पर बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। अब ये केस CBI को सौंप दिया गया है, तो ऐसे में CBI तय करेगी कि कुलदीप सिंह सेंगर को गिरफ्तार किया जाए या नहीं।"
- रेप पीड़िता की मां की तहरीर पर उन्नाव के माखी थाने में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ FIR दर्ज की गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विधायक के खिलाफ इंडियन पेनन कोड (IPC) की धारा-363, 366,376,506 और POCSO एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।
बुधवार को सौंपी गई थी रिपोर्ट
इस केस में बुधवार शाम को SIT ने योगी सरकार को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी थी। इसके साथ ही डीआईजी (जेल) ने और उन्नाव के डीएम ने डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के डॉक्टरों की तरफ से इलाज में लापरवाही बरतने के संबंध में रिपोर्ट योगी सरकार को दी। बताया जा रहा है कि इन तीनों रिपोर्ट्स और SIT की सिफारिश पर ही सरकार ने विधायक समेत अन्य के खिलाफ FIR दर्ज करने और इस मामले की जांच CBI से कराने के आदेश दिए।
हॉस्पिटल के 3 अफसर सस्पेंड
रिपोर्ट के आधार पर बुधवार को सरकार ने डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के 3 अफसरों को भी सस्पेंड कर दिया। रेप पीड़िता के पिता के इलाज में लापरवाही बरतने पर डॉक्टर डीके द्विवेट, डॉक्टर प्रशांत उपाध्याय और सीओ सफीपुर कुंवर बहादुर सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके अलावा डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के आर्थो सर्जन डॉ. मनोज कुमार, सर्जन डॉ. जीपी सचान और ईएमओ डॉ. गौरव अग्रवाल के खिलाफ भी कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं।
देर रात एसएसपी से मिलने पहुंचे थे सेंगर
जानकारी के मुताबिक, आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर बुधवार देर रात एसएसपी से मिलने पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि रात को करीब 11:30 बजे के आसपास बीजेपी विधायक गाड़ियों के काफिले के साथ एसएसपी से मिलने पहुंचे थे। माना जा रहा था कि बीजेपी विधायक सरेंडर करने पहुंचे थे, लेकिन वो बिना सरेंडर करे ही वहां से लौट गए। बाहर मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि वो एसएसपी को बताने आए थे कि वो फरार नहीं हैं और जनता के बीच ही हैं।
मेरे खिलाफ साजिश की गई : विधायक
एसएसपी के घर के बार मीडिया से बात करते हुए कुलदीप सिंह सेंगर ने कहा कि "मेरे बारे में कहा जा रहा है कि मैं फरार हो गया हूं या कहीं चला गया हूं, लेकिन आज मैं यही बताने आया हूं कि मैं यहीं हूं। जनता के बीच में।" विधायक ने कहा "मुझे रेप का आरोपी बनाया गया है। मैं ये सपने में भी नहीं सोच सकता। मेरे खिलाफ साजिश की गई। मेरा मीडिया ट्रायल किया गया है। मैं चाहता था कि निष्पक्ष जांच हो। मैंने कभी किसी पर दबाव नहीं बनाया। अगर मैं दोषी हूं या मेरा भाई गुनहगार है तो सजा मिलेगी। कानून के तहत सबको सजा मिलनी चाहिए। मैंने कोई गलत काम नहीं किया है।" बीजेपी विधायक ने ये भी कहा कि SIT की जांच रिपोर्ट में क्या है, ये मुझे नहीं मालूम।
विधायक की पत्नी पहुंची थी डीजीपी ऑफिस
देर रात जहां विधायक एसएसपी से मिलने पहुंचे, वहीं बुधवार सुबह विधायक की पत्नी संगीता सेंगर डीजीपी ऑफिस पहुंची थी। उनके साथ विधायक शैलेंद्र सिंह शैलू भी मौजूद रहे। शैलेंद्र सिंह ने कहा कि वो इस मामले में किसी भी जांच के लिए तैयार हैं। वहीं कुलदीप सिंह की पत्नी ने अपने पति पर लगे आरोपों को झूठा बताया है। उन्होंने डीजीपी ऑफिस के बाहर रोते हुए कहा कि "हम चाहते हैं कि मेरे पति और पीड़िता का नार्को टेस्ट कराया जाए। मेरी बेटियां बहुत परेशान हैं। अब तक कोई सबूत पेश नहीं किया गया है, लेकिन उन्हें रेपिस्ट बताया जा रहा है।" विधायक की पत्नी ने ये भी कहा कि "मैं यहां अपने पति के लिए न्याय की गुहार लगाने आई हूं। पीड़िता का परिवार झूठ बोल रहा है। पीड़िता का परिवार अपराधों में शामिल रहा है। उन्हें विधायक समर्थकों ने नहीं बल्कि दूसरे लोगों ने पीटा।"
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, रविवार को एक महिला ने मीडिया को बताया कि "मेरे साथ बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने अपने साथियों के साथ मिलकर एक साल पहले रेप किया था। जिसके बाद मैंने हर जगह दरवाजा खटखटाया, लेकिन किसी ने मेरी नहीं सुनी।" पीड़िता ने बताया था कि वो सीएम योगी आदित्यनाथ के पास भी गई थी, लेकिन वहां से भी कोई मदद नहीं मिली। इतना ही नहीं जब उन्होंने आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवानी चाही तो उन्हें धमकाया गया। जिसके बाद पीड़िता के परिवार ने रविवार को ही सीएम हाउस के सामने धरने पर बैठ गए और जान देने की कोशिश की। जिसके बाद पुलिस ने पीड़िता के पिता को हिरासत में ले लिया। इसी दौरान पुलिस कस्टडी में पीड़िता के पिता की मौत हो गई, जिसके बाद ये मामला और ज्यादा बढ़ गया।
कौन है कुलदीप सिंह सेंगर?
कुलदीप सिंह सेंगर को राजनीति में दल बदलने में माहिर माना जाता है। बीजेपी में आने से पहले कुलदीप सिंह समाजवादी पार्टी के नेता हुआ करते थे, लेकिन विधानसभा चुनावों से ठीक पहलि उन्होंने सपा का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया। कुलदीप सिंह सेंगर ने अपनी राजनीति की शुरुआत उत्तर प्रदेश यूथ कांग्रेस से की थी। उन्होंने 2002 में बहुजन समाज पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा और पहली बार विधायक बने। इसके बाद 2012 में वो समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए और उन्नाव की भगवंतनगर सीट से चुनाव लड़ा और जीता। इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले कुलदीप सिंह बीजेपी में शामिल हो गए। फिलहाल कुलदीप सिंह उन्नाव जिले की बांगरमऊ सीट से विधायक हैं।