आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर नेता जी सुभाषचंद्र बोस की बेटी का छलका दर्द, भारत सरकार से की ये मांग
नेता जी की बेटी ने सरकार से किया सवाल आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर नेता जी सुभाषचंद्र बोस की बेटी का छलका दर्द, भारत सरकार से की ये मांग
- आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर भी नेताजी क्यों हैं विदेश में?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले भारत माता के वीर सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस की रहस्यमयी शहादत पर लोगों को आज भी संशय है। इसी को लेकर उन्हीं की बेटी अनीता बोस फाफ ने सुभाष चंद्र बोस के अवशेष आज तक वतन में वापस न लौटने पर सवाल खड़ा किया है। गौरतलब है कि जर्मनी में रह रहीं अनीता बोस फाफ का आज उस वक्त दर्द छलका उठा जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को नेताजी सुभाष चंद्र के अवशेष को भारत लाना चाहिए। ताकि जो लोग उनकी शहादत पर शंका करते हैं उन्हें जवाब दिया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि नेताजी 18 अगस्त 1945 को शहीद हुए थे, सरकार को उनके अवशेषों को भारत लाकर उसका डीएनए टेस्ट कराना चाहिए।
जहाज दुर्घटना में शहीद हुए थे नेताजी
गौरतलब है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की शहादत को लेकर लोग अलग-अलग तरह राय रखते है। बताया जाता है कि नेताजी जापानी सरकार से मुलाकात को लेकर टोक्यो जा रहे थे। उसी दरमियान ताइवान की राजधानी ताइपे में जिस हवाई जहाज में बैठे थे अचानक दुर्घटनाग्रस्त हो गई और नेताजी शहीद हो गए। ये भी बताया जाता है कि उनके अवशेष को टोक्यो के रेन्कोजी मंदिर में सुरक्षित रखा गया है। हालांकि, कुछ लोगों का मानना है कि नेताजी हादसे में बच गए थे और फैजाबाद (अब जिला अयोध्या ) में गुमनामी बाबा के नाम से अपनी बाकी जिंदगी बिताई थी। हालांकि, इसको लेकर आज तक कोई पुष्टि नहीं हो पाई।
अनीता बोस ने कही ये बात
गौरतलब है कि अनीता बोस का जन्म ऑस्ट्रिया में हुआ था। इन दिनों वह जर्मनी की प्रख्यात अर्थशास्त्री हैं। नेताजी के अवशेषों की भारत वापसी न होने पर अनीता बोस ने आगे कहा कि अगर डीएनए टेस्टिंग होता है तो इस बात के सबूत मिल सकते हैं कि रेन्कोजी मंदिर टोक्यो में रखे अवशेष नेताजी के ही हैं। उन्होंने ये भी कहा कि जापान सरकार व रेन्कोजी मंदिर के पुजारी डीएनए टेस्ट की प्रक्रिया को लेकर पूरी तरह से सहमत है। उन्होंने बताया इस बात का सबूत भारत सरकार की ओर से नेताजी की शहादत पर जस्टिस मुखर्जी आयोग की जांच दस्तावेजों में भी है।
बेटी ने मांग की पिता का अवशेष भारत आए
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की अकेली संतान अनीता का पिता को लेकर आज दर्द बाहर आ गया। उन्होंने कहा कि भले ही मेरे पिता देश की आजादी का लुत्फ नहीं उठा पाए लेकिन यह सही समय है कि कम से कम उनके अवशेषों को भारतीय धरती पर वापस लाया जाए। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक बेहतर डीएनए टेस्टिंग में सुविधाजनक है फिर इसके जरिए डीएनए टेस्ट किया जा सकता है। ऐसे में नेताजी के अवशेषों को घर वापसी की तैयारी सरकार को करनी चाहिए।
सरकार से सीधा सवाल
नेता जी की बेटी अनीता ने भारत सरकार से सवाल किया कि भारत ने जिस औपनिवेशिक सत्ता की बेड़ियों को तोड़ स्वतंत्रता की सांस ली और आजादी का 75वीं वर्षगांठ मना रहा है फिर देश के ऐसे चर्चित हीरो नेता जी सुभाष चंद्र बोस को उनके मातृभूमि को वापस क्यों नहीं लाया जा रहा है? देशवासी उनके समर्पण व बलिदान को नमन करते हैं। उनकी यादगार में असंख्य स्मारक बना चुके हैं। ताकि उनकी स्मृति हमेशा दिमाग में बनी रहे। उन्होंने आगे कहा कि मेरे नेता जी के जीवन में देश की स्वतंत्रता से ज्यादा कुछ भी महत्वपूर्ण नहीं था। ऐसे में नेताजी की इकलौती संतना होने के नाते मैं यही चाहती हूं कि उन्हें आजाद भारत में वापस लाया जाया। कम से उनके अवशेष को लाकर ही हम यह सपना पूरा कर सकें।