Farmers Protest: कृषि मंत्री तोमर बोले- 11 बैठकों में 45 घंटे चर्चा, लेकिन किसान यूनियन क़ानून वापसी पर अड़ी है

Farmers Protest: कृषि मंत्री तोमर बोले- 11 बैठकों में 45 घंटे चर्चा, लेकिन किसान यूनियन क़ानून वापसी पर अड़ी है

Bhaskar Hindi
Update: 2021-01-22 14:31 GMT
Farmers Protest: कृषि मंत्री तोमर बोले- 11 बैठकों में 45 घंटे चर्चा, लेकिन किसान यूनियन क़ानून वापसी पर अड़ी है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कृषि कानूनों के मुद्दे पर सरकार और किसानों के बीच 11 दौर की वार्ता के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। आज शुक्रवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान यूनियनों के साथ मीटिंग के बाद कहा कि 11 बैठकों में 45 घंटे चर्चा हो चुकी है। कृषि कानूनों पर सरकार डेढ़ साल तक रोक लगाने के लिए तैयार है। इससे बेहतर प्रस्ताव सरकार नहीं दे सकती। नरेंद्र तोमर ने कहा कि अगर किसान बातचीत करने को तैयार हैं तो ये कल भी हो सकती है ,लेकिन विज्ञान भवन कल खाली नहीं है।

कृषि मंत्री ने कहा, भारत सरकार PM मोदी के नेतृत्व में किसानों और गरीबों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है और रहेगी। उन्होंने कहा, विशेष रूप से पंजाब और कुछ राज्यों के किसान कृषि क़ानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। इस आंदोलन के दौरान लगातार ये कोशिश हुई कि जनता के बीच और किसानों के बीच गलतफहमियां फैलें। इसका फायदा उठाकर कुछ लोग जो हर अच्छे काम का विरोध करने के आदि हो चुके हैं, वे किसानों के कंधे का इस्तेमाल अपने राजनीतिक फायदे के लिए कर सकें।

कृषि मंत्री ने कहा, भारत सरकार की कोशिश थी कि वो सही रास्ते पर विचार करें जिसके लिए 11 दौर की वार्ता की गई। परन्तु किसान यूनियन क़ानून वापसी पर अड़ी रही। सरकार ने एक के बाद एक प्रस्ताव दिए। परन्तु जब आंदोलन की पवित्रता नष्ट हो जाती है तो निर्णय नहीं होता। कृषि मंत्री ने कहा, वार्ता के दौर में मर्यादाओं का तो पालन हुआ लेकिन किसानों के हक़ में वार्ता का मार्ग प्रशस्त हो, इस भाव का सदा अभाव था इसलिए वार्ता निर्णय तक नहीं पहुंच सकी। इसका मुझे भी खेद है। 

तोमर ने कहा, हमने किसान यूनियन को कहा कि जो प्रस्ताव आपको दिया है- 1 से 1.5 वर्ष तक क़ानून को स्थगित करके समिति बनाकर आंदोलन में उठाए गए मुद्दों पर विचार करने का प्रस्ताव बेहतर है, उसपर फिर से विचार करें। हमने किसानों से कहा, आज वार्ता को पूरा करते हैं आप लोग अगर निर्णय पर पहुंच सकते हैं तो आप लोग कल अपना मत बताइए। निर्णय घोषित करने पर आपकी सूचना पर हम कहीं भी इकट्ठा हो सकते हैं।

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