अलमारी में थी नोटों की गड्डियां, नहीं गिन पा रहे थे अफसर, सर्राफा कारोबारी ने की छापेमारी में मदद

करोड़पति कुलपति अलमारी में थी नोटों की गड्डियां, नहीं गिन पा रहे थे अफसर, सर्राफा कारोबारी ने की छापेमारी में मदद

Bhaskar Hindi
Update: 2021-11-19 13:03 GMT
अलमारी में थी नोटों की गड्डियां, नहीं गिन पा रहे थे अफसर, सर्राफा कारोबारी ने की छापेमारी में मदद
हाईलाइट
  • 30 करोड़ के बंदर बाँट का है आरोप

डिजिटल डेस्क,पटना। बिहार के मगध विश्वविद्यालय के कुलपति के घर एसवीयू ने छापेमारी की है। कुलपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद पर 30 करोड़ से अधिक की हेरा-फेरी का आरोप है, जिसकी वजह से वो एसवीयू की रडार पर है। जब डॉ. राजेद्र प्रसाद के घर पर छापेमारी की गई तो, उनकी अलमारी से नोटों की इतनी गड्डियां निकली कि सभी अफसर देखकर हैरान रह गए। अफसरों ने हिम्मत दिखाकर पहले तो खुद नोट गिनने की कोशिश की बाद में उन्हें मशीन मंगानी पड़ी। 

इतना ही नहीं जेवरात की संख्या में भी कमी नहीं थी। जेवरात का सही आकलन करने क लिए बाहर से एक सर्राफा कारोबारी को बुलाना पड़ा। बता दें कि, जेवरात की कीमत लगभग 15 लाख के आस-पास बताई जा रही है। पैसों और जेवरात के अलावा जमीन और प्लॉट के डॉक्यूमेंट्स भी बरामद किए गए। गहने, दस्तावेज और उपहार का गिनने के बाद उन्हें अधिकारियों ने बेटा और बहू को वापस कर दिया। हालांकि, कैश और डॉक्यूमेंट्स की कॉपी को टीम अपने साथ ले गई।

बिहार पुलिस की एक स्पेशल विजिलेंस यूनिट कई दिनों से डा. राजेंद्र प्रसाद पर नजर बनाए हुई थी और लगभग तीन महीने पहले जब राजेंद्र गया से गोरखपुर सरकारी गाड़ी से आए रहे थे, तो पुलिस को सूचना मिली की उनके पास भारी मात्रा में नकदी है लेकिन, जब के विश्वविद्यालय चौराहे पर उनकी गाड़ी रोककर चेकिंग की गई तो, कुछ नहीं मिली। जिसके बाद पुलिस ने उनसे कहा था कि, गलतफहमी में उनकी गाड़ी रोक ली गई थी। हालांकि, 30 करोड़ की इस हेर-फेर में कुलपति के साथ-साथ यूनिवर्सिटी के और भी लोग एसवीयू की रडार पर है। 

 

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