Farmers Protest: ग्रेटा थनबर्ग पर FIR! पर्यावरण एक्टिविस्ट बोलीं-कोई धमकी किसानों के लिए समर्थन से रोक नहीं पाएगी
Farmers Protest: ग्रेटा थनबर्ग पर FIR! पर्यावरण एक्टिविस्ट बोलीं-कोई धमकी किसानों के लिए समर्थन से रोक नहीं पाएगी
- थनबर्ग ने ट्वीट कर कहा
- मैं किसानों के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के साथ
- पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग पर दिल्ली पुलिस की एफआईआर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग का दिल्ली पुलिस की एफआईआर के बाद रिएक्शन सामने आया है। ग्रेटा थनबर्ग ने ट्वीट कर कहा, मैं किसानों के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के साथ हूं। कोई भी नफरत, धमकी इसे बदल नहीं सकती। बता दें कि किसान आंदोलन को लेकर भड़काऊ ट्वीट पर दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज किया है। धारा- 153 A, 120 B के तहत ये एफआईआर दर्ज की गई है।
पहले ये खबरें थीं कि पुलिस ने ग्रेटा के खिलाफ FIR दर्ज की है। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने इस बारे में स्थिति स्पष्ट की है। स्पेशल कमिश्नर ऑफ पुलिस प्रवीर रंजन ने गुरुवार को कहा कि FIR में किसी का नाम नहीं लिखा गया है। ये केस केवल टूल किट बनाने वालों के खिलाफ दर्ज किया गया है और ये अभी जांच का विषय है।
I still #StandWithFarmers and support their peaceful protest.
— Greta Thunberg (@GretaThunberg) February 4, 2021
No amount of hate, threats or violations of human rights will ever change that. #FarmersProtest
ग्रेटा ने शेयर की अपडेटेड टूलकिट
इससे पहले ग्रेटा थनबर्ग ने "अपडेटेड टूलकिट" ट्विटर पर शेयर की। ग्रेटा की ओर से शेयर किए गए 6 पन्नों के डॉक्यूमेंट में कहा गया है, भारतीय किसानों को अपना समर्थन दें और इसमें हैशटैग #FarmersProtest #StandWithFarmers का उपयोग करें। अपने किसी भी सरकार के प्रतिनिधि को कॉल / ईमेल करें और उनसे कार्रवाई करने के लिए कहें। इसके साथ ही ऑनलाइन याचिकाओं पर हस्ताक्षर करें। अपने निकटतम भारतीय दूतावास, मीडिया हाउस या अपने स्थानीय सरकार के कार्यालय के पास 13/14 फरवरी को प्रदर्शन करें। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर हैशटैग #FarmersProtest #StandWithFarmers का उपयोग कर फोटोज शेयर करें।
ग्रेटा ने पहले जिस टूलकिट को शेयर किया था उसमें लोगों को भारतीय दूतावासों, स्थानीय सरकारी कार्यालयों या विभिन्न बहुराष्ट्रीय अडानी और अंबानी कंपनियों के कार्यालयों में या उसके पास एकजुटता विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के लिए प्रोत्साहित किया था। यह भी आरोप लगाया गया था कि अरबपति मुकेश अंबानी और गौतम अडानी ने ‘दुनिया की जनता, भूमि और संस्कृति को शोषित करने के लिए मोदी शासन के साथ हाथ से हाथ मिलाकर पैसा कमाया है’। नए दस्तावेज़ में कंपनियों का उल्लेख नहीं है। नए टूलकिट में, 26 जनवरी से पहले की गतिविधियों के लिए दी गई सभी तारीखें और निर्देश हटा दिए गए हैं।