चोरी के आरोप में 12 साल के बच्चे की हत्या, स्कूल ने कैंपस में दफनाया छात्र का शव
चोरी के आरोप में 12 साल के बच्चे की हत्या, स्कूल ने कैंपस में दफनाया छात्र का शव
डिजिटल डेस्क, देहरादून। उत्तराखंड के देहरादून में एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ने वाले 12 साल के बच्चे की पीट-पीटकर हत्या करने का मामला सामने आया है। स्कूल के ही सीनियर्स ने मामूली सी बात पर बच्चे की इतनी बेहरमी से पिटाई की जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक स्कूल की 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले दो छात्रों ने बिस्किट का पैकेट चुराने का आरोप लगाकर मृतक छात्र को क्लासरूम में स्टंप और बैट से तब तक पीटा जब तक बच्चा बेहोश न हो गया। घायल छात्र को कई घंटों बाद अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
#Uttarakhand: A 12-yr-old student beaten to death by his two seniors at a boarding school in Dehradun. SSP Dehradun says, "2 senior students had beaten him. Postmortem report revealed internal injury shock as cause of death. 5 people including 2 students have been arrested." pic.twitter.com/Rd1UHXZynk
— ANI (@ANI) March 28, 2019
पुलिस ने बताया कि घटना से एक दिन पहले स्कूल के बच्चे आउटिंग पर गए थे। इस दौरान मृत छात्र वासु (बदला हुआ नाम) ने एक दुकान से एक बिस्कुट का पैकेट चुरा लिया था। दुकानदार ने इसकी शिकायत स्कूल प्रशासन से कर दी। इसके बाद प्रशासन ने सभी बच्चों के स्कूल से बाहर जाने पर रोक लगा दी। बस इतनी सी बात को लेकर 12वीं के दोनों आरापी छात्र नाराज हो गए। वह यह मानने लगे कि वासु की वजह से ही उनका स्कूल से बाहर जाना बंद हो गया है।
पुलिस ने बताया कि नाराज आरोपी छात्रों ने वासु को कई बार मारा। उन्होंने पहले एक क्लासरूम में उसकी बुरी तरह पिटाई की। इसके बाद उसे छत पर ले गए और उसे वहां पर ठंडे पानी से नहलाया। इसके बाद फिर से उसे पीटने लगे। इतना सब होने के बावजूद स्कूल प्रशासन कुछ नहीं कर पाया। जब वासू बेहोश हो गया तो आरोपी छात्र उसे स्टडी रूम में छोड़कर अपने कमरे में चले गए। बार्डन ने वासु को बेहोश देखकर उसे अस्पताल में भर्ती करवाया जहां उसकी मौत हो गई।
इस पूरे मामले में सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह थी कि बच्चे के परिवार को स्कूल प्रबंधन ने कोई सूचना नहीं दी। स्कूल प्रबंधन ने इसके बाद बिना पोस्टमॉर्टम कराए छात्र के शव को स्कूल कैंपस में ही दफना दिया। बता दें कि स्कूल प्रशासन ने मामले को छिपाने की हर संभव कोशिश की। देहरादून की एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि मामले में स्कूल प्रशासन की ओर कई तरह की चूक सामने आई है। उन्होंने कहा कि छात्र को न सिर्फ देर से अस्पताल ले जाया गया बल्कि स्कूल स्टाफ ने मामले को छिपाने की भी कोशिश की है। उन्होंने इसकी सूचना पुलिस और परिजनों को दिए बिना छात्र को कैंपस में ही दफना दिया।
उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की चेयरपर्सन उषा नेगी ने बताया कि उनके हस्तक्षेप की वजह से ही मामला प्रकाश में आ पाया है। बता दें कि इस पूरे मामले में पुलिस ने दोनों आरोपी छात्रों के खिलाफ धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया है, वहीं स्कूल प्रशासन के तीन कर्मचारियों हॉस्टल मैनेजर वॉर्डन और स्पोर्ट्स टीचर पर अपराध के सबूत मिटाने के जुर्म में सेक्शन 201 तहत केस दर्ज किया है।