लोकतंत्र के मंदिर में मारपीट, कांग्रेस विधायक ने बीजेपी के जगदीश पांचाल पर फेका माइक
लोकतंत्र के मंदिर में मारपीट, कांग्रेस विधायक ने बीजेपी के जगदीश पांचाल पर फेका माइक
डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद। विधानसभा को लोकतंत्र का मंदिर कहा जाता है, लेकिन इस मंदिर की मर्यादाओं को लांधते हुए बुधवार को गुजरात विधानसभा में दो विधायक आपस में भिड़ गए। इस दौरान एक कांग्रेस विधायक ने तैश में आकर बीजेपी विधायक पर माइक से हमला कर दिया। विवाद यहीं नहीं थमा, इसके बाद सदन में एक दूसरे पर थप्पड़ भी बरसाए गए और बेल्ट से भी पिटाई की गई। इस घटना के बाद स्पीकर ने कांग्रेस के विधायक प्रताप दुधार्क को पूरे सेशन के लिए सस्पेंड कर दिया है। वहीं गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने घटना की निंदा करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है।
जगदीश पांचाल पर माइक से हमला
गुजरात विधानसभा में इस समय बजट सत्र चल रहा है। प्रश्नकाल को दौरान कांग्रेस विधायक सत्तापक्ष से कुछ सवाल पूछना चाह रहे थे, लेकिन भाजपा विधायकों ने इसका विरोध किया। इस बीच प्रश्नकाल समाप्त हो गया और कांग्रेस विधायक प्रताप दुधार्क अपना आपा खो बैठे और उन्होंने सदन में माइक उखाड़कर भाजपा विधायक जगदीश पांचाल पर हमला कर दिया। ये विवाद यहीं नहीं थमा प्रताप दुधार्क ने जगदीश पंचाल को सदन में थप्पड़ मार दिया। इसके जवाब में बीजेपी के विधायकों ने कांग्रेस के विधायकों की पिटाई कर दी। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो दोनों के बीच खूब बेल्ट भी चले।
उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण
गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा, "गुजरात विधानसभा में जो हुआ वह बहुत ही शर्मनाक था। कांग्रेस विधायक ने न केवल विधानसभा अध्यक्ष का अपमान किया, बल्कि सदन के अंदर हिंसात्मक भी हो गए। इससे पहले मंगलवार को कांग्रेस के 28 विधायकों को सदन से 15 दिनों के लिए निवंबित किया गया था। ये विधायक पार्टी के वरिष्ठ सदस्य विरजी थूमर के निलंबन के विरोध में हंगामा कर रहे थे। विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी ने निलंबित विधायकों को सदन से बाहर निकलवा दिया। बाद में कांग्रेस के मुख्य सचेतक अमित चवदा ने अपनी पार्टी के सहयोगियों की ओर से माफी मांगी। उनके माफी मांगने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों का निलंबन वापस ले लिया।
बता दें कि राज्य की कुल 182 विधानसभा सीटों में से बीजेपी को 99 सीटें मिली थीं जबकि कांग्रेस को 80 सीटों से संतोष करना पड़ा था। चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस और बीजेपी नेताओं को बीच तीखी जुबानी जंग देखने को मिली थी।