सदन से वॉकआउट, पीएम मोदी ने कांग्रेस को क्यों बताया कंफ्यूज पार्टी?

सदन से वॉकआउट, पीएम मोदी ने कांग्रेस को क्यों बताया कंफ्यूज पार्टी?

Bhaskar Hindi
Update: 2021-02-10 17:53 GMT
सदन से वॉकआउट, पीएम मोदी ने कांग्रेस को क्यों बताया कंफ्यूज पार्टी?
हाईलाइट
  • पीएम के भाषण के दौरान विपक्ष ने करीब 10 बार हंगामा किया
  • राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर पीएम ने बुधवार को जवाब दिए
  • वॉकआउट करने पर पीएम मोदी ने कांग्रेस को कंफ्यूज पार्टी बताया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को जवाब दिए। जब पीएम सदन में कृषि कानून और कोरोना जैसे मुद्दों पर बात कर रहे थे तो विपक्ष ने करीब 10 बार हंगामा किया। इसके बाद राहुल गांधी समेत कांग्रेस सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। वॉकआउट करने पर पीएम मोदी ने कांग्रेस को कंफ्यूज पार्टी बताया। पीएम ने अपने संबोधन के दौरान ये भी कहा कि भोजपुरी में एक कहावत है कि "न खेलब, न खेले देब, खेलवे बिगाड़ब। जब तथ्यों के आधार पर बात चलती नहीं है तो ऐसा माहौल पैदा किया जाता है"।

ऐसी कंफ्यूज पार्टी न खुद का भला कर सकती है देश का
पीएम मोदी ने कहा कि हम ये मानते थे कि हिंदुस्तान की बहुत पुरानी पार्टी कांग्रेस जिसने करीब-करीब 6 दशक तक एकचक्रीय शासन किया। इस पार्टी का यह हाल हो गया है कि पार्टी का राज्यसभा का तबका एकतरफ चलता है और पार्टी का लोकसभा का तबका एकतरफ चलता है। उन्होंने कहा कि ऐसी डिवाइडेड पार्टी, ऐसी कंफ्यूज पार्टी न खुद का भला कर सकती है देश की समस्याओं के समाधान को लेकर कुछ सोच सकती है। पीएम ने कहा, कांग्रेस पार्टी राज्यसभा में भी है। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता राज्यसभा में बैठे हुए हैं, लेकिन वो बहुत ही आनंद और उमंग के साथ चर्चा करते हैं। वहीं लोकसभा में कांग्रेस पार्टी का दूसरा तबका है।

कृषि कानूनों पर कांग्रेस का सदन में हंगामा
बता दें कि कांग्रेस के सांसदों ने तीनों नए कृषि कानूनों के खिलाफ नारे लगाए और इसे रद्द करने की मांग की। कांग्रेस नेताओं ने पीएम मोदी के भाषण के दौरान कई बार नारेबाजी कर भाषण को रोकने की कोशिश की। स्पीकर ओम बिड़ला ने सदन में व्यवस्था बनाए रखने के लिए सदस्यों को निर्देश दिए। वहीं प्रधानमंत्री ने हंगामे पर कहा कि ये हो-हल्ला और रुकावटें डालने का प्रयास सोची-समझी रणनीति के तहत किया जा रहा है। रणनीति ये है कि जो झूठ फैलाया है उसका पर्दाफाश न हो जाए। इससे लोगों का आप (कांग्रेस) विश्वास नहीं जीत पाएंगे।

दादा ये ज्यादा हो रहा है
पीएम मोदी ने कहा, "दादा (कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी) ये ज्यादा हो रहा है, बंगाल में आपको टीएमसी से ज्यादा पब्लिसिटी मिल जाएगी। अधीर रंजन जी प्लीज। हम इतना आदर करते हैं आपकी। हद से ज्यादा क्यों कर रहे हैं आप?" इसके बाद भी हंगामा नहीं थमा और फिर कृषि कानूनों पर सवाल पूछने के बजाय राहुल गांधी समेत कांग्रेस सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। 

अधीर रंजन ने बताया क्यों किया वॉकआउट?
बाद में अधीर रंजन चौधरी ने वॉकआउट की वजह बताते हुए कहा कि किसान आंदोलन में इतने सारे किसानों की जान गई है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जवाब से बहुत उम्मीद थी। उम्मीद थी कि पीएम किसानों के बारे में ठोस कदम उठाने की बात करेंगे, लेकिन इतना सब होने के बाद भी प्रधानमंत्री किसानों के लिए कुछ कहने को तैयार नहीं है।

नया कानून किसी के लिए बंधन नहीं, इसमें ऑप्शन है
पीएम मोदी ने कहा, ये नया कानून किसी के लिए बंधन नहीं है। इसमें ऑप्शन है। कोई कहीं भी सामान बेच सकता है। पीएम मोदी ने कहा, मैं किसानों से पूछना चाहता हूं कि जो व्यवस्थाएं उनके पास पहले थीं, उनमें से किसी चीज को नए कानून को छीन लिया है क्या? कृषि कानूनों में जो व्यवस्था है वो ऑप्शनल है। नए कानून किसी के लिए बंधन नहीं है,उनके लिए सिर्फ ऑप्शन है। जहां ऑप्शन हैं, वहां विरोध का कारण ही नहीं बनता। पुरानी मंडियों पर कोई पाबंदी नहीं, बल्कि इन पुरानी मंडियों को सुधारने के लिए और बजट की व्यवस्था की गई है।

आंदोलनजीवियों ने पवित्र आंदोलन को बर्बाद किया
पीएम मोदी ने कहा, किसानों के पवित्र आंदोलन को बर्बाद करने का काम आंदोलनकारियों ने नहीं, आंदोलनजीवियों ने किया है। इसलिए देश को आंदोलनकारियों और आंदोलनजीवियों के बारे में फर्क करना बहुत जरूरी है। देश में एक बहुत बड़ा वर्ग है, इस वर्ग की पहचान है, टॉकिंग द राइट थिंग (सही बात कहने में कोई बुराई भी नहीं) हैं। लेकिन इस वर्ग के लोग डूइंग द राइट थिंग वालों से नफरत करते हैं। ये चीजों को सिर्फ बोलने में विश्वास रखते हैं। अच्छा करने मे उनको भरोसा ही नहीं है।

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