प्रद्युम्न केस: आरोपी 11वीं के स्टूडेंट को नहीं मिली जमानत, 21 हजार का जुर्माना लगा
प्रद्युम्न केस: आरोपी 11वीं के स्टूडेंट को नहीं मिली जमानत, 21 हजार का जुर्माना लगा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रेयान इंटरनेशनल स्कूल के प्रद्युम्न मर्डर केस के आरोपी 11वीं क्लास के स्टूडेंट की जमानत याचिका को गुरुग्राम सेशन कोर्ट ने आज खारिज कर दी। इसके साथ ही आरोपी स्टूडेंट पर 21 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। इससे पहले शनिवार (6 जनवरी) को इस मामले में बहस के बाद सेशन कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। बता दें कि जुवेनाइल बोर्ड पहले ही आरोपी स्टूडेंट की जमानत याचिका को खारिज कर चुका है।
बालिग की तरह चलेगा केस
इससे पहले 21 दिसंबर को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने आरोपी स्टूडेंट पर बालिग की तरह केस चलाने का आदेश दिया था। आरोपी स्टूडेंट की उम्र 17 साल है और वो रेयान स्कूल में ही 11वीं क्लास का स्टूडेंट है। आरोपी के वकील ने जुवेनाइल बोर्ड में याचिका दायर करते हुए कहा था कि जब तक CBI आरोपी के खिलाफ चार्जशीट फाइल नहीं करती है, तब तक उस पर नाबालिग की तरह ही केस चलाया जाए। इस याचिका को जेजे बोर्ड ने खारिज कर दिया था और आरोपी स्टूडेंट पर बालिग की तरह केस चलाने का आदेश दिया था।
साइकोलॉजिकल रिपोर्ट में हुए थे खुलासे
वहीं जुवेनाइल जस्टिस कोर्ट में सरकारी वकील ने कहा था कि साइक्राइटिस डॉ. जोगिंदर सिंह कायरो ने आरोपी के साथ 5 घंटे तक का समय गुजारने के बाद एक रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट में उन्होंने बताया था कि आरोपी अलग-अलग सिचुएशन में किस तरह का बिहेव करता है? इस साइकोलॉजिकल रिपोर्ट में सामने आया था कि स्टूडेंट काफी एग्रेसिव है। इसी रिपोर्ट के बाद जेजे बोर्ड ने आरोपी स्टूडेंट पर बालिग की तरह केस चलाने का आदेश दिया था।
प्रद्युम्न के पिता ने दायर की थी याचिका
इस मामले में प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर ने जेजे बोर्ड के सामने याचिका लगाई थी कि आरोपी स्टूडेंट को बालिग मानकर उसके खिलाफ केस चलाया जाए। वरुण ठाकुर ने कहा था कि ऐसे अपराध वयस्क मानसिकता वाले ही कर सकते है। इसीलिए आरोपी को बालिग मानते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए और सजा भी इसी आधार पर दी जाए।
क्या है पूरा मामला?
पिछले साल 8 सितंबर को गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में सेकंड क्लास में पढ़ने वाले प्रद्युम्न ठाकुर की चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने आरोपी बस कंडक्टर अशोक समेत 3 लोगों को गिरफ्तार किया था। हत्या के अगले ही दिन आरोपी अशोक ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था। हालांकि प्रद्युम्न के परिवार का कहना था कि स्कूल मैनेजमेंट अशोक की आड़ में किसी और को बचाने की कोशिश कर रहा है। बाद में इस केस को CBI को ट्रांसफर किया गया। CBI की जांच में पता चला कि प्रद्युम्न मर्डर का आरोपी बस कंडक्टर अशोक नहीं, बल्कि उसी के स्कूल में पढ़ने वाला 11वीं क्लास का स्टूडेंट है। इसके बाद आरोपी स्टूडेंट को गिरफ्तार किया गया था।