पीएम मोदी पहुंचे गोरखपुर, योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट को परियोजनाओं से करेंगे पूरा
सीएम के गढ़ में पीएम की सौगात पीएम मोदी पहुंचे गोरखपुर, योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट को परियोजनाओं से करेंगे पूरा
- बंद कारखाना बना सबसे ऊंचा
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूपी योगी आदित्यनाथ के गढ़ में हैं। और गोरखपुर जिले के विकास के सफर में एक नया अध्याय जोड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करीब 10 हजार करोड़ की लागत से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट खाद कारखाना, एम्स और बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज के रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (आरएमआरसी) का आज मंगलवार को लोकार्पण किया। वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री ने ही खाद कारखाना और एम्स की नींव रखी । अब वे खुद अपने हाथों इसे जनता को समर्पित किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गोरखपुर का दौरा में सबसे महत्वपूर्ण और सबसे बड़ी परियोजना गोरखपुर का खाद कारखाना है, जिसकी कुल लागत 8603 करोड़ है और यह 600 एकड़ में बना हुआ है। इसके अलावा पीएम मोदी गोरखपुर में पूर्वी उत्तर प्रदेश के पहले गोरखपुर एम्स और आरएमआरसी के हाईटेक लैब्स का उद्घाटन किया। गोरखपुर एम्स की कुल लागत 1011 करोड़ है और ये 112 एकड़ में तैयार हुआ है। ये 300 बेड का अस्पताल है।
योगी का सपना मोदी करेंगे पूरा
सीएम योगी की पहल और पुरजोर मांग पर 22 जुलाई 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खाद कारखाने की आधारशिला रखी थी। मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने खाद कारखाना के निर्माण को भी गति दी नतीजा आज यह जनता को समर्पित हो गया है।
रीजनल रिसर्च सेंटर की मिलेगी सौगात
पीएम मोदी आज गोरखपुर में लोगों को एक रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर की भी सौगात दी। इसमें 125 एमबीबीएस की सीटें भी हैं। इससे वायरस रिसर्च परीक्षण करने में आसानी होगी। इससे जापानी बुखारी में मदद मिलेंगी।
बंद कारखाना बना सबसे ऊंचा
आपको बता दें गोरखपुर में 1968 में स्थापित फर्टिलाइजर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया के खाद कारखाने को 1990 में हुए एक हादसे के बाद बंद कर दिया गया। एक बार यहां की मशीनें शांत हुईं तो तरक्की और उम्मीद के विकास से जुड़ी उनकी आवाज को दोबारा सुनने की दिलचस्पी किसी भी सरकारों ने नहीं दिखाई। सीएम योगी संघर्षरत रहे जिसका परिणाम आज सामने है। गोरखपुर का खाद कारखाना मुख्यमंत्री योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है। गोरखपुर खाद कारखाने में बना प्रिलिंग टावर विश्व में सबसे ऊंचा है। इसकी ऊंचाई कुतुब मीनार की ऊंचाई से दोगुनी से अधिक है। प्रिलिंग टावर से खाद के दाने नीचे आएंगे तो इनकी गुणवत्ता सबसे अच्छी होगी। खाद कारखाने की स्थापना व संचालन की जिम्मेदारी हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) ने निभाई है। एचयूआरएल एक संयुक्त उपक्रम है, जिसमें कोल इंडिया लिमिटेड, एनटीपीसी, इंडियन ऑयल कार्पोरेशन प्रमोटर्स हैं, जबकि इसमें फर्टिलाइजर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और हिंदुस्तान फर्टिलाइजर कार्पोरेशन लिमिटेड भी साझीदार हैं।
योगी का संघर्ष
गोरखपुर में 1990 में बंद हुए फ़र्टिलाइजर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के खाद कारखाने को दोबारा चलवाने या उसकी जगह नया कारखाना स्थापित करने के लिए योगी आदित्यनाथ बतौर सांसद 19 साल तक संघर्षरत किया।