PM मोदी ने 9 करोड़ किसानों को जारी की पीएम-किसान की किस्त, बोले- किसानों के लिए अहम दिन

PM मोदी ने 9 करोड़ किसानों को जारी की पीएम-किसान की किस्त, बोले- किसानों के लिए अहम दिन

Bhaskar Hindi
Update: 2020-12-24 18:53 GMT
हाईलाइट
  • 9 करोड़ से अधिक किसानों को मिलेगा लाभ
  • प्रधानमंत्री मोदी छह विभिन्न राज्यों के किसानों के साथ बातचीत करेंगे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (25 दिसंबर) को पीएम-किसान सम्मान निधि योजना की सातवीं किस्त के तौर पर योजना के एक साथ नौ करोड़ से ज्यादा लाभार्थियों के खाते में 18,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि भेजने के कार्य का बटन दबा कर शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि, आज का दिन किसानों के लिए अहम दिन है। इससे पहले कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि योजना के 9.04 करोड़ किसानों के बैंक खाते में दो घंटे के भीतर 18,058 करोड़ रुपए पहुंच जाएंगे।

उन्होंने बताया कि पीएम किसान योजना के तहत 11 करोड़ 4 लाख किसानों का पंजीयन किया जा चुका है और इस योजना के तहत इससे पहले देश के 10 करोड़ 59 लाख किसानों को 96,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि सीधे उनके बैंक खाते में पहुंचाई गई है। पीएम किसान योजना का सालाना बजट लगभग 75,000 करोड़ रुपए है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई राज्यों के किसान भाई.बहनों से बातचीत करने के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देशभर के किसानों संबोधित भी किया। वहीं विपक्षी दलों पर हमला भी बोला। क्या कुछ कहा पीएम ने आइए जानते हैं...

किसानों से निपटने बॉर्डर पर है कुछ ऐसी तैयारी

  • आज नए कृषि सुधारों को लेकर असंख्य झूठ फैलाए जा रह हैं। कुछ लोग किसानों के बीच भ्रम फैला रहे हैं कि MSP समाप्त की जा रही है। कुछ लोग अफवाहें फैला रहे हैं कि मंडियों को बंद कर दिया जाएगा।
  • सरकार किसान के साथ हर कदम पर खड़ी है। किसान चाहे जिसे अपनी उपज बेचना चाहे, सरकार ने ऐसी व्यवस्था की है कि एक मजबूत कानून किसानों के पक्ष में खड़ा रहे। 
  • विपक्षी दलों पर हमला करते हुए कहा कि, राजनीतिक दल जिन्हें देश की जनता ने लोकतांत्रिक तरीके से नकार दिया है,वो आज कुछ किसानों को गुमराह करके जो कुछ भी कर रहे हैं,उन सभी को बार-बार नम्रता पूर्वक सरकार की तरफ से अनेक प्रयासों के बावजूद भी किसी न किसी राजनीतिक कारण से ये चर्चा नहीं होने दे रहे हैं।
  • आज नए कृषि सुधारों को लेकर असंख्य झूठ फैलाए जा रह हैं। कुछ लोग किसानों के बीच भ्रम फैला रहे हैं कि MSP समाप्त की जा रही है। कुछ लोग अफवाहें फैला रहे हैं कि मंडियों को बंद कर दिया जाएगा।
  • देश के किसान को इतने अधिकार मिल रहे हैं तो इसमें गलत क्या है? अगर किसानों को अपनी उपज बेचने का विकल्प ऑनलाइन माध्यम से पूरे साल और कहीं भी मिल रहा है तो इसमें गलत क्या है?
  • हमारी सरकार ने प्रयास किया कि देश के किसान को फसल की उचित कीमत मिले। हमने लंबे समय से लटकी स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, लागत का डेढ़ गुना MSP किसानों को दिया।
  • इन कृषि सुधार के जरिए हमने किसानों को बेहतर विकल्प दिए हैं। इन कानूनों के बाद आप जहां चाहें जिसे चाहें अपनी उपज बेच सकते हैं। आपको जहां सही दाम मिले आप वहां पर उपज बेच सकते हैं।
  • आप न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर अपनी उपज बेचना चाहते हैं? आप उसे बेच सकते हैं। आप मंडी में अपनी उपज बेचना चाहते हैं? आप बेच सकते हैं। आप अपनी उपज का निर्यात करना चाहते हैं ? आप निर्यात कर सकते हैं। आप उसे व्यापारी को बेचना चाहते हैं? आप बेच सकते हैं।
  • हमने इस लक्ष्य पर भी काम किया की देश के किसान के पास खेत में सिंचाई की पर्याप्त सुविधा हो। हम दशकों पुरानी सिंचाई योजनाओं को पूरा करने के साथ ही देशभर में Per Drop-More Crop के मंत्र के साथ माइक्रो इरीगेशन को भी बढ़ावा दे रहे हैं।
  • हम इस दिशा में भी बढ़े कि फसल बेचने के लिए किसान के पास सिर्फ एक मंडी नहीं बल्कि नए बाजार हो। हमने देश की एक हजार से ज्यादा कृषि मंडियों को ऑनलाइन जोड़ा। इनमें भी एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार हो चुका है।
  • उन्होंने कहा, पिछले दिनों अनेक राज्य़ों, चाहे असम हो, राजस्थान हो, जम्मू-कश्मीर हो, इनमें पंचायतों के चुनाव हुए। इनमें प्रमुखत ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने, किसानों ने ही भाग लिया। उन्होंने एक प्रकार से किसानों को गुमराह करने वाले सभी दलों को नकार दिया है।
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