12 साल में देश में दोगुनी हुई बाघों की संख्या, 526 बाघों के साथ MP फिर 'टाइगर स्टेट'
12 साल में देश में दोगुनी हुई बाघों की संख्या, 526 बाघों के साथ MP फिर 'टाइगर स्टेट'
- अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर पीएम मोदी ने बाघों की संख्या पर रिपोर्ट जारी की
- देश में बाघों की संख्या बढ़कर 2967 पहुंची
- 4 साल पहले ही पूरा हो गया लक्ष्य
- मोदी ने कहा- भारत 3000 बाघों के साथ दुनिया के सबसे सुरक्षित हैबिटेट्स में है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में लगातार बाघों की संख्या में इजाफा हो रहा है और पिछले पांच सालों में बाघों की संख्या बढ़कर 2967 पहुंच गई है। ये खुशखबरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वर्ल्ड टाइगर डे के मौके पर दी। पीएम मोदी ने कहा, देश में बाघों की संख्या दोगुनी हो गई है और आज हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि, भारत करीब 3 हजार बाघों के साथ दुनिया के सबसे बड़े और सबसे सुरक्षित हैबिटेट्स (Habitats) में से एक है। बता दें कि, देश में पहली बार टाइगर सेंसस जारी किया गया है। डेटा रिलीज के बाद मध्य प्रदेश फिर से टाइगर स्टेट बन गया है। मप्र में 526 बाघ हैं, जो देश में सर्वाधिक हैं।
Delhi: Prime Minister Narendra Modi releases All India Tiger Estimation 2018 on #InternationalTigerDay. pic.twitter.com/4y6iemCLzS
— ANI (@ANI) July 29, 2019
दरअसल सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने देशभर में बाघों की संख्या पर एक रिपोर्ट जारी की है। अखिल भारतीय बाघ अनुमान रिपोर्ट 2018 (ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन 2018) जारी करते हुए पीएम ने कहा, आज हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि भारत करीब 3 हज़ार टाइगर्स के साथ दुनिया के सबसे बड़े और सबसे सुरक्षित Habitats में से एक है, लेकिन हमें सहअस्तित्व को भी स्वीकारना होगा और सहयात्रा के महत्व को भी समझना होगा।
Releasing the results of All India Tiger Estimation. #InternationalTigerDay https://t.co/b73ADzson4
— Narendra Modi (@narendramodi) July 29, 2019
पीएम मोदी ने कहा, भारत, मलेशिया समेत कई देशों में बाघ आस्था का प्रतीक है। उन्होंने कहा, जो कहानी "एक था टाइगर से शुरू होकर "टाइगर जिंदा है तक पहुंची है, वह यहीं खत्म नहीं होनी चाहिए। 9 साल पहले सेंट पीटर्सबर्ग में यह निर्णय लिया गया था कि बाघों की आबादी को दोगुना करने का लक्ष्य होगा और यह 2022 तक होगा। हमने इस लक्ष्य को चार साल पहले पूरा कर लिया है। बाघों के लिए भारत एक सुरक्षित जगह है। बाघ संरक्षण से जुड़े जो प्रयास हैं उनका और विस्तार होना चाहिए, उनकी गति और तेज की जानी चाहिए।
पीएम मोदी ने बताया आंकड़ों के मुताबिक, पांच साल में संरक्षित इलाकों की संख्या 692 से बढ़कर 860 हुई है, सामुदायिक अभयारण्यों की संख्या 43 से बढ़कर 100 से ऊपर हुई। सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व तमिलनाडु को सर्वश्रेष्ठ टाइगर रिजर्व का पुरस्कार दिया गया है। 2014 में बाघों की गिनती हुई थी। तब इनकी कुल संख्या 2226 थी, जबकि 2010 में देश में 1706 बाघ थे।
कभी ‘एक था टाइगर’ का डर था, लेकिन आज यह यात्रा ‘टाइगर जिंदा है’ तक पहुंच चुकी है।
— Narendra Modi (@narendramodi) July 29, 2019
लेकिन ‘टाइगर जिंदा है’ कहना ही पर्याप्त नहीं है, हमें उनकी संख्या बढ़ाने के लिए अनुकूल वातावरण भी तैयार करना है। #InternationalTigerDay pic.twitter.com/bERsYeM62v
पीएम ने कहा, वाइल्ड लाइफ को समृद्ध करने का यह अभियान केवल बाघों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि गीर के शेरों और हिमतेंदुओं को भी बचाने की मुहिम चल रही है। पीएम ने कहा, भारत तेज विकास के साथ पर्यावरण को भी समृद्ध बना रहा है।
सबसे ज्यादा बाघों वाले देश के पांच राज्य, एमपी ने मारी बाजी
मध्य प्रदेश- 526
कर्नाटक- 524
उत्तराखंड- 442
महाराष्ट्र- 312
तमिलनाडु- 264
छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में बाघों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है। छत्तीसगढ़ में 2014 में 46 बाघ थे जो घटकर 19 पर पहुंच गए हैं। वहीं आंध्र प्रदेश में बाघों की संख्या 68 से घटकर 48 पर पहुंच गई है।
Development and the environment are not mutually exclusive.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 29, 2019
India will progress economically and take the lead in protecting the environment. #InternationalTigerDay pic.twitter.com/RjcBMGpFvh
फिर टाइगर स्टेट का दर्जा मिलने पर सीएम कमलनाथ ने जताई खुशी
526 बाघों के साथ मप्र में बाघों की संख्या सबसे ज्यादा है। इस पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने खुशी जाहिर की है।
बाघ प्रदेश का दर्जा पुनः हासिल करने पर प्रदेश के सभी नागरिको को बधाई।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) July 29, 2019
सभी राष्ट्रीय उद्यानों के प्रबंधन अमले को , बाघ संरक्षण से जुड़ी सभी संस्थाओं, व्यक्तियों, विशेषज्ञों को भी इस उपलब्धि के लिये बधाई।
इन राज्यों में बाघों की संख्या में आई कमी
जहां पूरे देश में बाघों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, वहीं कुछ राज्यों में बाघों की संख्या में बड़ी गिरावट भी दर्ज की गई है। 2014 में 49 बाघों के मुकाबले छत्तीसगढ़ में महज 19 बाघ रह गए हैं, जबकि आंध्र प्रदेश में ये संख्या 68 से घटकर 48 रह गई है।
विश्व में टाइगर की संख्या