ओवैसी ने साधा ममता पर निशाना, आसनसोल हिंसा पर राज्यपाल के आचरण पर उठाए सवाल
ओवैसी ने साधा ममता पर निशाना, आसनसोल हिंसा पर राज्यपाल के आचरण पर उठाए सवाल
डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। आल इन्डिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ममता बनर्जी सरकार की "धर्मनिरपेक्ष" क्रेडेंशियल्स और आसनसोल की सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी के "संवैधानिक" आचरण पर सवाल उठाते हुए उन पर निशान साधा है। ओवैसी ने रविवार को हैदराबाद में आयोजित की गई एक रैली को संबोधित करते हुए, हिंसा प्रभावित शहरों के केवल हिंदू क्षेत्रों को वरीयता देने के लिए गवर्नर की आलोचना की है। ओवैसी ने कहा कि हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के दौरान केवल हिंदू क्षेत्रों में और इमाम के घर को नज़रअंदाज़ करना गवर्नर की सम्प्रदायवादी सोच का परिचायक है। बता दें इमाम के छोटे बेटे सिब्तुलाह राशिदी कथित तौर पर हिंसा में मारे गए थे और उसके शरीर बुधवार रात पाया गया था।
ममता सरकार पर उठाए सवाल
ओवैसी ने कहा "कम से कम आप (राज्यपाल) को इमान के घर का दौरा करने जाना चाहिए था और शोक के अवसर पर समर्थन का आश्वासन देना चाहिए था। यह आपका संवैधानिक अधिकार और जिम्मेदारी है कि आप दौरे के प्रत्येक जगह पर जाएं।" उन्होंने ममता बनर्जी की सरकार पर सवाल उठाते हुए पूछा कि उनके "धर्मनिरपेक्ष" शासन में कैसे मुसलमानों पर हमला किया गया। इस सौरान ओवैसी ने सरकार की प्रशासनिक प्रणाली पर सवाल उठते हुए आलोचना भी की। बता दें 28 मार्च को केंद्र ने ममता बनर्जी की अगुवाई वाली पश्चिम बंगाल सरकार से आसनसोल और रानीगंज में हुई आगजनी और हिंसा की घटनाओं पर रिपोर्ट की मांग की थी।
लागू धारा 144
गौरतलब है कि 25 मार्च को राम नवमी उत्सव अवसर पर आसनसोल में हुई हिंसा के दौरान तीन लोगों कि मौत हो गई थी और साथ ही इसमें तीन दर्जन से अधिक लोगों घायल भी हो गए थे। पथराव में एक 6 साल की मासूम की मौत हो गई थी। हिंसा के दौरान आसनसोल के रानीगंज इलाके की स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई थी। जिसे देखते हुए राज्य सरकार ने हस्तक्षेप करते हुए जुलूस को बीच में ही रोक देने का ऐलान कर दिया था। हिंसा फैलने के बाद राज्य में जिस तरह की परिस्थिति बनी है उस पूरे मुद्दे पर केंद्र को ओर से रिपोर्ट तलब की गई थी। इसके अलावा केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से कहा था कि अगर उन्हें पैरामिलिट्री फोर्स की जरूरत है, तो वह मुहैया करा सकती है। हिंसा के दौरान पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई थी।