असम में जंगली हाथी के हमले में एक की मौत, पांच घायल
हाथी ने मचाया तांडव असम में जंगली हाथी के हमले में एक की मौत, पांच घायल
- मृतक की पहचान रविंद्र बोरो के रूप में हुई
डिजिटल डेस्क, गुवाहाटी। असम में हाथियों का आतंक बढ़ता जा रहा है। पिछले कई सालों में हाथियों के हमले से मौत की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही है। ऐसी ही एक घटना शनिवार देर रात की है। बक्सा जिले में जंगली हाथियों के झुंड ने एक व्यक्ति को कुचल कर मार डाला और पांच अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
घटना बक्सा जिले के खैरानी गांव में शनिवार देर रात की है। मृतक की पहचान रविंद्र बोरो के रूप में हुई है। पांच घायल व्यक्तियों में धनपति बोरो, अनिल दैमारी, परेश बोरो, थेंगोना मुशहरी और सुलेंद्र बोरो हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पास के जंगल से जंगली हाथियों का झुंड भोजन की तलाश करते-करते इलाके में घुस आया। स्थानीय लोगों ने उन्हें डराने की कोशिश की ताकि वे जंगल में लौट आएं लेकिन, उन्होंने उन पर हमला कर दिया। हाथियों के हमले से रविंद्र बोरो भी बुरी तरह घायल हो गया। उन्हें अन्य पांच घायलों के साथ रंगिया के नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने रविंद्र को मृत घोषित कर दिया। जबकि, दाईमरी की हालत नाजुक बताई जा रही है।
स्थानीय लोगों ने दावा किया कि, पहले कुछ अन्य लोगों पर भी जंगली हाथियों ने हमला किया था। साथ ही ग्रामीणों ने वन विभाग पर इन घटनाओं को रोकने के लिए लापरवाही का आरोप लगाया। ग्रामीणों ने यह भी शिकायत की कि जंगली हाथियों द्वारा फसलों को भी नियमित रूप से नष्ट कर दिया जाता है। उन्होंने राज्य सरकार से इस पर तत्काल संज्ञान लेने की मांग की है।
गांव के एक निवासी ने कहा, यह पहली बार नहीं है कि इस गांव में एक हाथी ने एक आदमी को मार डाला है, पहले भी हाथी के हमलों से कई लोग मारे गए थे। असम में हाथी-मानव संघर्ष लगातार बढ़ रहा है। पर्यावरणविदों ने पहले ही चेतावनी दी है कि जब तक वन क्षेत्रों को संरक्षित नहीं किया जाता है तब तक ऐसे संघर्ष और भी बढ़ते रहेंगे। आधिकारिक आंकड़ों की बात करें तो, पिछले तीन सालों में असम में हाथियों के हमले से कम से कम 229 लोग मारे गए हैं।
(आईएएनएस)
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