भारत में 3 साल की बच्ची हुई ओमिक्रॉन संक्रमित, जल्दी अपनाएं ये आदत और नए वेरिएंट से बच्चों को रखें सुरक्षित
नए वेरिएंट से सावधान! भारत में 3 साल की बच्ची हुई ओमिक्रॉन संक्रमित, जल्दी अपनाएं ये आदत और नए वेरिएंट से बच्चों को रखें सुरक्षित
- 10 नए ओमिक्रॉन संक्रमितों की हुई पुष्टि
डिजिटल डेस्क,मुंबई। भारत में नए वेरिएंट ने अपने पैर पसारना शुरु कर दिए है। देश में ओमिक्रॉन संक्रमितों की कुल संख्या 33 हो चुकी है, जिसमें महाराष्ट्र की एक साढ़े तीन साल की बच्ची भी शामिल है। स्वास्थ्य अधिकारियों की मानें तो, पिछले 3 दिनों में एक भी ओमीक्रॉन वेरिएंट का मामला सामने नहीं आया था। लेकिन, हाल ही में 10 नए संक्रमितों की पुष्टि हुई है, जो ओमिक्रॉन पॉजिटिव है।
इनमें महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा संक्रमित 17, राजस्थान में 9, गुजरात में 3, कर्नाटक में 2 और दिल्ली में 2 हैं। अब तक देश के 4 राज्य और 1 केंद्रशासित प्रदेश नए वेरिएंट की चपेट में है। वहीं दुनिया के 59 देशों में ओमिक्रॉन ने अपने पैर पसार रखे है। लेकिन, इन सब के बीच सबसे चिंता का विषय है बच्चों में ओमिक्रॉन की पुष्टि होना। क्योंकि व्यस्कों को कोरोना वायरस का टीका दिया जा रहा है। वहीं बच्चों के लिए अब तक किसी भी वैक्सीन को भारत में मंजूरी नहीं दी गई है। ऐसे में माता-पिता के मन में सवाल उठता है कि, वो वैक्सीन आने तक ओमिक्रॉन से अपने बच्चों को कैसे सुरक्षित रखें? तो चलिए जानते है इसका जवाब।
ओमिक्रॉन से बच्चों को सुरक्षित रखने का तरीका
- WHO के अनुसार, पब्लिक प्लेस पर आपका व्यवहार तय करेगा कि, आप अपने बच्चों को संक्रमित करेंगे या फिर नहीं।
- मास्क लगाएं, सोशल डिस्टेंस का पालन और सेनेटाइजर का पालन करें।
- जब भी पब्लिक प्लेस या बाहर से लौंटे तो, अपने हाथों को अच्छे से धोकर सेनेटाइजर लगाए फिर अपने बच्चों के करीब जाएं।
- अगर आपकी तबीयत थोड़ी भी खराब है तो, अपने बच्चें से दूरी बनाए और घर के अंदर भी मास्क का प्रयोग करें।
- बच्चें किन लोगों के संपर्क में आ रहे है इस बात का पूरा ख्याल रखें।
- दिल्ली के रेनबो हॉस्पिटल के डॉ. नितिन वर्मा के अनुसार, बच्चों के आस-पास सभी वयस्कों का फुल वैक्सीनेशन होना जरुरी है।
दक्षिण अफ्रीका में बच्चों का हालत गंभीर
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के डॉ. धीरेन गुप्ता कहते है कि, दक्षिण अफ्रीका से जो रिपोर्ट आ रही है वो बेहद चिंताजनक है क्योंकि, वहां 5 साल से कम उम्र के बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराने की संख्या में इजाफा हो रहा है। इसलिए उपयुक्त व्यवहार और वैक्सीनेशन का होना बेहद जरुरी है। इन दोनों का पालन करके हम महामारी से लड़ सकते है।