ममता के साथ बातचीत को तैयार डॉक्टर, मीडिया के सामने मीटिंग की रखी शर्त
ममता के साथ बातचीत को तैयार डॉक्टर, मीडिया के सामने मीटिंग की रखी शर्त
- ममता बनर्जी के साथ बैठक के लिए डॉक्टर सहमत हो गए हैं
- शर्त में कहा गया है कि ये बैठक मीडिया कवरेज के लिए खुली होनी चाहिए
- हालांकि डॉक्टरों ने मीटिंग के लिए एक शर्त रखी है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में आंदोलनकारी डॉक्टरों और सीएम ममता बनर्जी के बीच चल रहा विवाद थोड़ा ठंडा होता दिखाई दे रहा है। रविवार को ममता बनर्जी के साथ बैठक के लिए डॉक्टर सहमत हो गए हैं। हालांकि उन्होंने एक शर्त रखी है, शर्त में कहा गया है कि ये बैठक मीडिया कवरेज के लिए खुली होनी चाहिए।
ढाई घंटे की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए, जूनियर डॉक्टरों के संयुक्त मंच के एक प्रवक्ता ने कहा, "हम इस गतिरोध को समाप्त करने के इच्छुक हैं। हम सीएम ममता बनर्जी की पसंद की जगह पर उनके साथ बातचीत के लिए तैयार हैं, बशर्ते कि यह बैठक खुले में मीडियाकर्मियों की मौजूदगी में आयोजित किया जाए, न कि बंद दरवाजों के पीछे। प्रवक्ता ने कहा कि यह स्थल राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के प्रतिनिधियों को समायोजित करने के लिए पर्याप्त होना चाहिए।
प्रवक्ता ने कहा "हम चर्चा के माध्यम से हमारी सभी मांगों को पर्याप्त और तार्किक रूप से पूरा करवाना चाहते हैं। हमारी सभी मांग पूरी होने के बाद हम आम लोगों के सर्वोत्तम हित के लिए अपनी ड्यूटी पर जल्द से जल्द लौटना चाहते हैं।" उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री हमारी समस्याओं के समाधान के लिए पर्याप्त विचार करेंगी।"
डॉक्टरों ने इससे पहले शनिवार को राज्य सचिवालय में बनर्जी के साथ एक बंद दरवाजे की बैठक के निमंत्रण को ठुकरा दिया था। उन्होंने ममता बनर्जी से एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का दौरा कर खुली चर्चा के लिए कहा था। बनर्जी ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान, आंदोलनकारियों से फिर से काम शुरू करने का आग्रह भी किया था। उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार ने डॉक्टरों की सभी मांगों को मान लिया है।
यह हड़ताल सोमवार रात को शुरू हुई जब एक मरीज नील रतन सिरकार की मौत के बाद परिजनों के हमले में एनआरएस अस्पताल के दो जूनियर डॉक्टर घायल हो गए। कोलकाता में अपने हड़ताली सहयोगियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए दूसरों राज्यों के जूनियर डॉक्टर भी इस हड़ताल में शामिल हो गए। इसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने राज्यों से डॉक्टरों और चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा के लिए विशिष्ट कानून बनाने पर विचार करने के लिए कहा था।
इस बीच, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने बंगाल सरकार के खिलाफ सोमवार को 24 घंटे के देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की। ओपीडी सहित सभी गैर-जरूरी सेवाएं सुबह 6 बजे से बंद रहेंगी। आईएमए नई दिल्ली में अपने मुख्यालय में सुबह 10 बजे धरना भी देगा।