कोरोना से 1.5 लाख लोगों की जान गई, सड़क हादसों में 415 लोग रोज़ मर रहे, जीडीपी पर पड़ता है इसका असर

कोरोना से 1.5 लाख लोगों की जान गई, सड़क हादसों में 415 लोग रोज़ मर रहे, जीडीपी पर पड़ता है इसका असर

Bhaskar Hindi
Update: 2021-01-18 11:17 GMT
कोरोना से 1.5 लाख लोगों की जान गई, सड़क हादसों में 415 लोग रोज़ मर रहे, जीडीपी पर पड़ता है इसका असर

डिजिटल डेस्क ( भोपाल)। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा हर साल जनवरी के दूसरे सप्ताह में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है, लेकिन इस वर्ष, 2021 में सरकार ने राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह की जगह राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह मनाने का निर्णय किया है। सोमवार को राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह के उद्घाटन कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि, हमारे ​देश में जितने सड़क हादसे हो रहे हैं उससे देश की अर्थव्यवस्था में जीडीपी के 3% का नुकसान होता है। इसलिए इस राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह का हर साल आयोजन महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से 1.5 लाख से अधिक लोगों की जान गई है, लेकिन आज भी सड़क हादसों की वजह से इससे ज़्यादा लोगों की जान जा रही है। ये हमारे लिए कोई सामान्य चुनौती नहीं है।

वहीं, राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह के उद्घाटन कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने कहा कि, भारत में सड़क दुर्घटना में 415 लोग रोज़ मर रहे हैं। अगर हम 2030 तक राह देखते रहेंगे तो 6-7 लाख लोग इसमें मर जाएंगे। 2025 तक हम आपके सहयोग से सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतें और दुर्घटनाएं 50% से नीचे कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारी इच्छा पिछड़े क्षेत्रों में ड्राइविंग स्कूल खोलने की है। इससे 22 लाख लोगों को रोज़गार मिलेगा। ठीक से प्रशिक्षित करेंगे तो लोगों की जान बचेगी। पिछड़े और आदिवासी क्षेत्रों में कौशल विकास मंत्रालय और हमारा मंत्रालय मिलकर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल का काम कर रहे हैं। 

सड़क सुरक्षा माह 18 जनवरी से 17 फरवरी तक मनाया जाएगा। इस मौके पर कई जगह एनजीओ से जुड़े कलाकारों ने ट्रैफिक नियमों का पालन करने और दुर्घटनाओं से बचाव का संदेश देने वाला नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया। 

वहीं, जयपुर में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह कार्यक्रम के दौरान परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि केन्द्र सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट में जुर्माना बहुत ज्यादा बढ़ा दिए हैं। अब हम इसमें कुछ संशोधन कर रहे हैं और जुर्माना राशि कम करेंगे। महिला सुरक्षा के लिए राज्य में बसों में पैनिक बटन लगवा रहे हैं। रोड सेफ्टी फंड से अस्पतालों में सुविधाएं मुहैया करवाएंगे। घायलों को अस्पताल पहुंचाने वाले लोगों को सम्मानित करेंगे। 

 

 

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