पाक सीमा पर उभर रहे नार्को-टेरर के मामले
केंद्र पाक सीमा पर उभर रहे नार्को-टेरर के मामले
- पाक सीमा पर उभर रहे नार्को-टेरर के मामले: केंद्र
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राज्य मंत्री (रक्षा) अजय भट्ट ने सोमवार को कहा कि पश्चिमी सीमाओं पर, विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में, नार्को-टेरर (नार्कोटिक्स-आतंकवाद) के मामले सामने आ रहे हैं, जिसका उद्देश्य विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में अस्थिरता पैदा करना है।
भारत और पाकिस्तान गुजरात, राजस्थान, पंजाब और जम्मू एवं कश्मीर राज्यों के साथ लगती 3,223 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं। नियंत्रण रेखा (एलओसी) और वास्तविक ग्राउंड पोजिशन लाइन (एजीपीएल) के रूप में वर्गीकृत जम्मू एवं कश्मीर में लगभग 900 किमी की सीमाओं को छोड़कर, बाकी को अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) के रूप में सीमांकित किया गया है।
मंत्री ने राज्यसभा में जी. सी. चंद्रशेखर को एक लिखित उत्तर में जबाव देते हुए कहा, पश्चिमी सीमाओं (आईबी सेक्टर) पर सुरक्षा की स्थिति काफी हद तक स्थिर बनी हुई है। हालांकि, सीमा पार से शत्रुतापूर्ण तत्वों द्वारा प्रायोजित एक उभरती हुई नार्को-टेरर सांठगांठ के संकेत हैं, जिसका उद्देश्य अस्थिरता पैदा करना है, खासकर सीमावर्ती क्षेत्रों में।
मंत्री ने यह भी कहा कि पश्चिमी सीमाओं के साथ भारतीय सेना पूरे संघर्ष स्पेक्ट्रम में विरोधियों द्वारा पेश की गई किसी भी चुनौती का जवाब देने के लिए पर्याप्त रूप से तैयार है।नियंत्रण रेखा पर वर्तमान स्थिति के बारे में बताते हुए, मंत्री ने कहा कि नियंत्रण रेखा पर स्थिति फरवरी 2021 की सैन्य संचालन महानिदेशालय (डीजीएमओ) की समझ के बाद स्थिर बनी हुई है।
दोनों सेनाओं ने नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने के हित में संयम बरता है।उन्होंने कहा, हालांकि, स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है और भारतीय सेना शत्रुतापूर्ण तत्वों की ओर से किसी भी खतरे को विफल करने के लिए तैयार है और नियंत्रण रेखा पर किसी भी तरह के तनाव की स्थिति में जवाब देने के लिए भी तैयार है।
इससे पहले कि दोनों देशों ने 25 फरवरी, 2021 को युद्धविराम का पालन करने का फैसला किया, 2018, 2019 और 2020 में पाकिस्तान के साथ भारत की सीमा पर संघर्ष विराम उल्लंघन के कुल 10,752 मामले सामने आए थे।
(आईएएनएस)