कर्नाटक में शुरू हुई रिजॉर्ट पॉलिटिक्स, विधायकों की खरीद-फरोख्त की आशंका
कर्नाटक में शुरू हुई रिजॉर्ट पॉलिटिक्स, विधायकों की खरीद-फरोख्त की आशंका
- रिज़ॉर्ट पॉलिटिक्स कर्नाटक में वापस आ गई है
- कांग्रेस- जेडीएस ने भी फ्लोर टेस्ट से पहले अपने विधायकों को रिजॉर्ट में ठहराया है
- भाजपा ने अपने विधायकों को दो रिसॉर्ट्स में ले जाने का फैसला किया
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। विधायकों की खरीद-फरोख्त की आशंका के चलते रिज़ॉर्ट पॉलिटिक्स कर्नाटक में वापस आ गई है। भाजपा ने शुक्रवार को अपने विधायकों को दो रिजॉर्ट्स, रामदा और साईं लीला में ले जाने का फैसला किया। मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने गठबंधन सरकार के 16 बागी विधायकों के इस्तीफे के बावजूद फ्लोर टेस्ट के अपने निर्णय से सभी को आश्चर्यचकित कर दिया, जिसके बाद बीजेपी ने ये फैसला लिया है। उधर, कांग्रेस- जेडीएस ने भी फ्लोर टेस्ट से पहले अपने विधायकों को रिजॉर्ट में ठहराया है।
कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में कहा, "हर एक बीजेपी विधायक को लगता है कि उन्हें एक साथ होना चाहिए और सोमवार को एक साथ विधानसभा में आना चाहिए ... मैंने कहा ठीक है।" पार्टी नेताओं के अनुसार, भाजपा के 105 विधायकों में से 80 के करीब रिजॉर्ट में रहेंगे ताकि कांग्रेस या जेडीएस के किसी भी बीजेपी विधायक को अपने पाले में करने की कोशिश को नाकाम किया जा सके। दरअसल, कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के 16 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं, ऐसे में गठबंधन सरकार फ्लोर टेस्ट से पहले बीजेपी के कुछ विधायकों के अपने पाले में लाने का प्रयास कर रही है।
कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता सिद्धारमैया ने भाजपा के इस फैसला पर कटाक्ष किया। सिद्धारमैया ने कहा "भाजपा अपने विधायकों को एक रिजॉर्ट में क्यों भेज रही है? ऐसा इसलिए है क्योंकि वे अपने ही विधायकों के उनकी ही पार्टी से अलग होने की संभावना से डरते हैं।" हालांकि कांग्रेस और जेडीएस ने भी अपने-अपने विधायकों को रिजॉर्ट में शिफ्ट कर दिया है। कांग्रेस ने अपने विधायकों को बेंगलुरु के पांच सितारा होटल ताज यशवंतपुर में रखा है जबकि जेडीएस ने अपने विधायकों को मशहूर गोल्फशायर होटल में ठहराया है।
बता दें कि कांग्रेस और जेडीएस के बागी विधायकों में से 10 ने अपना इस्तीफा स्वीकार न किए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। विधायकों ने कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार को उनके इस्तीफे स्वीकार करने का निर्देश दिया जाए। बता दें कि कुमार ने इन विधायकों के आवेदनों को अयोग्य करार देते हुए दोबारा रिजाइन करने को कहा था। उनकी याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 16 जुलाई तक के लिए यथास्थिति का आदेश दिया था।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस अनिरुद्ध बोस और दीपक गुप्ता की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच मंगलवार को फिर से इस मामले की सुनवाई करेगी।