महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद ने पकड़ा तूल: उद्धव की विवादित बेलगाम क्षेत्र को केंद्र शासित बनाने की मांग के बाद गरमाई राजनीति
महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद ने पकड़ा तूल: उद्धव की विवादित बेलगाम क्षेत्र को केंद्र शासित बनाने की मांग के बाद गरमाई राजनीति
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद एक बार फिर तूल पकड़ रहा है। विवादित बेलगाम क्षेत्र को केंद्र शासित बनाने की मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मांग के बाद कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण साबदी के मुंबई को केंद्र शासित बनाने की मांग के बाद महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई। भाजपा शासित राज्य के उपमुख्यमंत्री के बयान सत्ता पक्ष आक्रामक है, जबकि भाजपा ने भी साबदी के बयान से असमती जताई है।
याद रखें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ठाकरे हैः राऊत
शिवसेना सांसद संजय राऊत ने चेतावनी देते हुए कहा कि कर्नाटक सरकार याद रखे कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सीमा विवाद मामले में जो होना है, वह होगा लेकिन कर्नाटक सरकार यह न भूले कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ठाकरे हैं। राऊत ने कहा कि कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी को इतिहास समझ लेना चाहिए। यह लड़ाई अपनी भाषा और संस्कृति टिकाए रखने की है। कोई कुछ भी कहे हमें फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने कहा कि मुंबई और महाराष्ट्र में कन्नड़ भाषी लोगों पर राज्य सरकार ने सख्ती नहीं की है। महाराष्ट्र में उद्योग और होटल व्यवसाय क्षेत्र में काम करन वाले कर्नाटक के लोग हमारे ही हैं। राज्य में रहने वाले कर्नाटक के लोगों को राय पूछी जाएगी तो वे लोग भी कहेंगे कि बेलगाम को महाराष्ट्र में शामिल किया जाए।
मुंबई महाराष्ट्र की है और रहेगीः अजित पवार
र्नाटक के उपमुख्यमंत्री के बयान पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि मुंबई महाराष्ट्र की है और रहेगी। जबकि राकांपा प्रवक्ता महेश तपासे ने कहा कि क्या भाजपा को कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री की यह मांग मंजूर है। उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटील और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणनीस को यह मांग मंजूर है क्या? राकांपा प्रवक्ता ने कहा कि हमें उम्मीद है कि भाजपा नेता कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री को जवाब देंगे।
तो खत्म हो जाएगी भाजपा की राजनीतिः सावंत
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि सावदी के बयान से भाजपा की मंशा जाहिर हो गई है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने मुंबई की तरफ टेढ़ी नजर से देखा तो राज्य में उसकी राजनीति समाप्त हो जाएगी। सावंत ने कहा कि कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री के बयान से मोदी सरकार की कुटील चाल का खुलासा हो गया है। मुंबई से उद्योग दूसरे राज्यों में स्थलांतरित करने का काम किया जाता रहा लेकिन भाजपा नेता चुप रहे।
साबदी के बयान से सहमत नहीं भाजपा
प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष माधव भंडारी ने कहा कि 1957 में संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन को जनसंघ ने समर्थन दिया था। जनसंघ के नेता इसके लिए जेल भी गए। मुंबई सहित संयुक्त महाराष्ट्र के गठन में जनसंघ की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। हम कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री साबदी के बयान से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में हम उपमुख्यमंत्री अजित पवार का बयान महाराष्ट्र की दृष्टि से सही है। भाजपा नेता ने कहा कि महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। इस लिए इस बारे में ज्यादा बयानबाजी की जरुरत नहीं है।