किसान आंदोलन का 28वां दिनः जीप चलाकर पटियाला से दिल्ली पहुंची महिलाओं की टोली
किसान आंदोलन का 28वां दिनः जीप चलाकर पटियाला से दिल्ली पहुंची महिलाओं की टोली
डिजिटल डेस्क (भोपाल)। किसान आंदोलन का आज (23 दिसंबर) 28वां दिन है। उत्तर भारत में इस समय कड़कड़ती ठंड पड़ रही है। ऐसे में खुले आसमान के नीचे अन्नदाता अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहा है। अब तक 35 के लगभग किसान अपनी जिंदगी भी गवां चुके हैं, लेकिन सरकार पर इसका कोई असर नहीं हो रहा है। सरकार अपनी जिद पर कायम है और किसान भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। इसी बीच आज सोशल मीडिया में एक ऐसी तस्वीर वायरल हो रही है, जो किसानों की हिम्मत को बयां करती है। दरअसल, 62 साल की मनजीत कौर पटियाला से दिल्ली किसान आंदोलन में अपने साथियों के साथ जीप चलाकर हिस्सा लेने पहुंची तो महिलाओं के इस जज्बे के लोग कायल हो गए।
लोगों ने इन तस्वीरों पर कमेंट करते हुए लिखा है कि "न डर पुलिस का है इन्हें, न वर्दियों का खौफ है, तुम्हारा तख्त तोड़ने निकल पड़ी हैं बेटियां..." । वहीं, पंजाब के मशहूर सिंगर दिलजीत दोसांझ भी किसानों का समर्थन कर रहे हैं। वह लगातार तस्वीरें पोस्ट कर उनकी हौसला अफजाई करते रहते हैं। उन्होंने किसानों की कई तस्वीरें शेयर की है। वे लिखते हैं कि "मत समझो अगर आपके पास ज्यादा पैसा और पॉवर हो तो आप सफल इंसान हो...। जिंदगी की बाजी किसने जीती ये रब जानता है"।
23 दिसंबर को किसान दिवस भी मनाया जाता है। आज केंद्र से बातचीत की संभावना के बीच किसान सड़कों पर ही किसान दिवस मनाएंगे और भूखे रहकर घेराव करेंगे। भाजपा सरकार पर उद्योगपतियों को बढ़ावा देने का आरोप लगता रहा है। ऐसे में किसानों को आशंका है कि देश में लागू किए गए तीन नए कृषि कानूनों से उनकी खेती पर कॉर्पोरेट कंपनियों का कब्ज़ा हो जाएगा। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल खरीदना सरकार बंद कर देगी और मंडियां भी खत्म हो जाएंगी। इस तरह के संकेत पंजाब और हरियाणा के किसानों को नजर भी आने लगे हैं। कई खेतों में किसानों की जमीन पर कॉर्पोरेट कंपनियों के बोर्ड लगे हैं, जिसमें फसल उनके अधीन दिखाई जा रही है।
राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि "देश के विकास एवं समृद्धि का आधार हमारे किसान आज इस कोरोना संकट एवं ठंड में अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर संघर्षरत हैं। इस किसान दिवस पर केंद्र सरकार अपनी हठधर्मिता व किसान विरोधी रवैया त्यागकर ये काले कृषि कानून वापिस लें व अन्नदाता को उनके अधिकार पुनः दें"।
वहीं, एक रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब से लगभग 3000 हजार महिलाएं आंदोलन के लिए दिल्ली पहुंच चुकी हैं। उन्होंने ससुर और पति को घर भेज दिया और कहा कि अब वह बच्चों के साथ यहां अगले 15 दिन धरना देंगी।