गहराते आर्थिक संकट के बीच जयशंकर करेंगे श्रीलंका का दौरा
श्रीलंका गहराते आर्थिक संकट के बीच जयशंकर करेंगे श्रीलंका का दौरा
- मंत्री पेइरिस ने फरवरी में भारत की यात्रा की थी
डिजिटल डेस्क, कोलंबो। श्रीलंका में भारत की प्राथमिकता को साबित करते हुए विशेष रूप से ऐसे समय में, जब देश अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर 28 से 30 मार्च के बीच श्रीलंका के दौरे पर रहेंगे। जयशंकर श्रीलंका के विदेश मंत्री जी.एल. पेइरिस के आमंत्रण पर यह दौरा करने जा रहे हैं। इससे पहले वित्तमंत्री बासिल राजपक्षे ने इस महीने की शुरुआत में व पिछले साल दिसंबर में और मंत्री पेइरिस ने फरवरी में भारत की यात्रा की थी।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने विदेश मंत्री की यात्रा की घोषणा करते हुए कहा, श्रीलंका में जो द्विपक्षीय बैठकें और बातचीत होगी, वह उस प्राथमिकता को उजागर करती है जो श्रीलंका भारत के प्रति रखता है। भारत द्वारा वित्तीय और मानवीय सहायता की एक श्रृंखला में 18 मार्च को श्रीलंका को अल्पकालिक रियायती ऋण सुविधा के रूप में 1 अरब डॉलर की ऋण सुविधा दी गई थी। लंका के वित्तमंत्री राजपक्षे की यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच हुए एक समझौते के बाद एसबीआई ने भारत से भोजन, अन्य आवश्यक वस्तुओं और दवाओं के आयात में मदद की थी।
विदेशी मुद्रा की कमी के कारण भारत ने पिछले सप्ताह 1 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता दी है। भारत जनवरी से अब तक श्रीलंका को 2.4 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता दे चुका है। जयशंकर भारतीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए मौजूद थे। उन्होंने ट्वीट किया था, पड़ोस पहले। भारत श्रीलंका के साथ खड़ा है। आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए 1 अरब डॉलर क्रेडिट लाइन पर हस्ताक्षर किए गए। यह भारत द्वारा दिए गए समर्थन के पैकेज का प्रमुख तत्व है।
जयशंकर कोलंबो जाने से पहले 26-27 मार्च को मालदीव के अड्डू शहर का दौरा करेंगे और राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह से मुलाकात करेंगे व विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद के साथ चर्चा करेंगे। मालदीव और श्रीलंका दोनों हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के प्रमुख समुद्री पड़ोसी हैं और प्रधानमंत्री के सागर और नेबरहुड फस्र्ट के दृष्टिकोण में विशेष स्थान रखते हैं। विदेश मंत्रालय ने दोहराया कि जयशंकर की यात्रा इस बात का प्रमाण है कि भारत मालदीव और श्रीलंका के साथ अपने करीबी और मैत्रीपूर्ण संबंधों को महत्व देता है।
(आईएएनएस)