भारत ने अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक उड़ानों पर 31 जनवरी तक बढ़ाया प्रतिबंध, केंद्रीय उड्डयन महानिदेशालय ने की घोषणा
सख्ती भारत ने अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक उड़ानों पर 31 जनवरी तक बढ़ाया प्रतिबंध, केंद्रीय उड्डयन महानिदेशालय ने की घोषणा
- पिछले साल 23 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर लगा था प्रतिबंध
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के नागरिक उड्डयन नियामक डीजीसीए ने गुरुवार को निर्धारित अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक उड़ानों पर प्रतिबंध 31 जनवरी तक बढ़ा दिया। इससे पहले, भारत ने कुछ शर्तो के साथ 15 दिसंबर से अनुसूचित वाणिज्यिक अंतर्राष्ट्रीय यात्री सेवाओं को फिर से शुरू करने की योजना की घोषणा की थी। हालांकि, 1 दिसंबर को केंद्रीय उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कहा कि वह कोविड-19 के ओमिक्रॉन स्वरूप से उभरने वाली स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है और लगभग सामान्य अंतर्राष्ट्रीय उड़ान संचालन को फिर से शुरू करने पर हितधारकों के साथ परामर्श कर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
डीजीसीए ने गुरुवार को अधिसूचना में अनुसूचित अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक उड़ानों पर प्रतिबंध 31 जनवरी, 2022 तक बढ़ा दिया। यह प्रतिबंध अंतरराष्ट्रीय ऑल-कार्गो संचालन और विशेष रूप से डीजीसीए द्वारा अनुमोदित उड़ानों पर लागू नहीं होगा। इसने यह भी कहा कि अनुसूचित अंतर्राष्ट्रीय विमानों को मामले के आधार पर चयनित मार्गो पर चलाने की अनुमति दी जा सकती है। भारत ने पिछले साल 23 मार्च को कोविड-19 के फैलाव को नियंत्रित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि बाद में कुछ देशों के साथ व्यवस्था के तहत उड़ान प्रतिबंधों में ढील दी गई।
भारत ने इस समय 30 से अधिक देशों के साथ एयर बबल समझौते किए हैं। विदेशों में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए देश पिछले एक साल से कई देशों में वंदे भारत की उड़ानें संचालित कर रहा था। इस समय कई देशों ने या तो अपने हवाई क्षेत्र बंद कर दिए हैं या आने वाले यात्रियों पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया है। केंद्र ने मंगलवार को भारत में आने वाले अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्रियों द्वारा एयर सुविधा पोर्टल पर एक संपर्क रहित स्व-घोषणा अनिवार्य की।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, भारत में आने वाले सभी अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों को आवश्यक दस्तावेजों के साथ एयर सुविधा पोर्टल पर बोर्डिग से पहले अपनी वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति की घोषणा करना अनिवार्य है। मंत्रालय के अनुसार, जोखिम वाले देशों के सभी आवेदनों को एच और रेड बैंड के साथ चिह्न्ति किया गया है, जबकि अन्य को ग्रीन के रूप में चिह्न्ति किया गया है। जोखिम वाले सूची में 10 से अधिक देश हैं, जिनमें यूरोप, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना और चीन के देश शामिल हैं।
(आईएएनएस)