उपलब्धि: हैदराबाद में बना देश का पहला निजी रॉकेट इंजन ‘रमण’, स्टार्टअप स्काईरूट ने किया सफल परीक्षण
उपलब्धि: हैदराबाद में बना देश का पहला निजी रॉकेट इंजन ‘रमण’, स्टार्टअप स्काईरूट ने किया सफल परीक्षण
डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। कर्नाटक के हैदराबाद स्थित एक स्टार्टअप ने एयरोस्पेस के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस ने ऊपरी चरण के रॉकेट इंजन ‘रमण’ का यहां सफल परीक्षण किया। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि इंजन कई उपग्रहों को एक ही बार में अलग-अलग कक्ष में स्थापित कर सकता है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व वैज्ञानिकों द्वारा स्थापित स्काईरूट भारत का पहला निजी अंतरिक्ष प्रक्षेपण वाहन बना रही है।
Unveiling our Raman Engine test firing footage!
— Skyroot Aerospace (@SkyrootA) August 13, 2020
1. 100% 3D Printed Injector
2. Metal-Matrix Composite throat
3. Multi-start capability
4. Long duration mission support
We dedicate this to the recent Space reform by @PMOIndia@narendramodi @nsitharamanhttps://t.co/PmSFyC2ppo
स्काईरूट के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) पवन कुमार चंदाना ने कहा कि हमने भारत के पहले शत-प्रतिशत 3 डी-प्रिंटेड बाय-प्रोपेलेंट तरल रॉकेट इंजन इंजेक्टर का प्रदर्शन किया। पारंपरिक विनिर्माण की तुलना में इसका कुल द्रव्यमान 50 प्रतिशत कम है और कुल घटकों की संख्या कम हुई है। यह इंजन कई बार चालू हो सकता है और इसलिए एक ही मिशन में कई उपग्रहों को कई कक्षाओं में स्थापित करने में सक्षम है।
उन्होंने बताया कि कंपनी के दो रॉकेट 6 महीनों में प्रक्षेपण के लिए तैयार हो जाएंगे। इस स्टार्टअप ने अब तक 31.5 करोड़ रुपए जुटाए हैं और 2021 से पहले 90 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य है। स्काईरूट का यह भी दावा है कि यह इंजन कई बार चालू हो सकता है। इसकी इसी खूबी के चलते यह एक ही मिशन में कई उपग्रहों को कई कक्षाओं में स्थापित करने में समर्थ है। पवन कुमार चंदाना ने बताया कि कंपनी के दो रॉकेट छह महीनों में प्रक्षेपण के लिए तैयार हो जाएंगे।
विक्रम-1 (Vikram-I) का निर्माण कार्य जारी है। इसकी लॉन्चिंग के लिए दिसंबर 2021 का लक्ष्य रखा गया है। नागा भारत ने कहा कि भारत में पहली बार निजी क्षेत्र के तौर पर हमने उपग्रहों की लॉन्चिंग के लिए लिक्विड इंजन का सफल परीक्षण किया है। कंपनी के दो रॉकेट चरण छह महीने में परीक्षण के लिए तैयार हो रहे हैं। कंपनी आने वाले दिनों में कई लॉन्चिंगों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाएगी। कंपनी इसके लिए इसरो लॉन्चिंग रेज की मदद लेने के लिए भी बातचीत कर रही है।