हार्दिक पटेल ने 19वें दिन तोड़ा अनशन, लिखा- जिंदा रहकर लड़ाई लड़नी है
हार्दिक पटेल ने 19वें दिन तोड़ा अनशन, लिखा- जिंदा रहकर लड़ाई लड़नी है
- हार्दिक का अनशन 19वें दिन खत्म
- 25 अगस्त से अनशन पर बैठे थे
- किसानों की कर्जमाफी और पाटीदार समाज को आरक्षण दिए जाने की मांग पर किया था अनशन
डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद। किसानों की कर्जमाफी और पाटीदार समाज को आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर चल रहा हार्दिक पटेल का अनशन आज (बुधवार) खत्म हो गया। दोपहर करीब 3 बजे खोडलधाम ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेश पटेल, उमाधाम ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रहलाद पटेल ने हार्दिक पटेल को नारियल पानी पिलाकर उनका अनशन खत्म करवाया। बता दें कि आज हार्दिक के अनशन का 19वां दिन था। वे अपनी मांगों को लेकर 25 अगस्त से अनशन पर बैठे थे।
इससे पहले हार्दिक ने एक ट्वीट कर अनशन खत्म करने का ऐलान किया था। उन्होंने लिखा था, "किसानों एवं समाज की कुलदेवी श्री उमिया माताजी मंदिर-उंझा और श्री खोड़ल माताजी मंदिर-कागवड के प्रमुख लोगों ने मुझे कहा कि तुम्हें जिंदा रहकर लड़ाई लड़नी है। सब का सम्मान करते हुए अनिश्चितकालिन उपवास आंदोलन के आज उन्नीसवें दिन दोपहर तीन बजे उपवास आंदोलन खत्म करूंगा।"
गौरतलब है कि आरक्षण और किसानों की कर्जमाफी को लेकर हार्दिक पटेल पहले भी आंदोलन करते रहे हैं। इस बार उन्होंने अनशन का रास्ता चुना। पिछले 18 दिनों से उनके इस अनशन में कई अन्य दलों के नेता शामिल हो चुके हैं। इसमें हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत व छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी के नाम शामिल हैं। अनशन के दौरान हार्दिक की तबीयत भी खराब हुई थी। हड़ताल के 14वें दिन यानि 8 सितंबर को उन्हें हॉस्पिटल में भी भर्ती कराया गया था, जहां पर दो दिन रहने के बाद वे बाहर आए थे। इस दौरान विपक्षी दलों के कई नेता उनका हालचाल पूछने हॉस्पिटल पहुंचे थे। डीएमके नेता ए राजा, जदयू से बर्खास्त शरद यादव, स्वामी अग्निवेश आदि लोग भी उनसे मिलने आए थे।
हार्दिक की मांग थी कि गुजरात में किसानों का कर्ज माफ किया जाए और पाटीदार समुदाय के लोगों को आरक्षण मिले। हालांकि सरकार की ओर से उनकी मांगों के सम्बंध में कोई बयान नहीं आया। हार्दिक को अपनी मांग पर किसी तरह का आश्वासन नहीं मिला और स्वास्थ्य कारणों के चलते उन्हें अपना अनशन बिना मांग पूरी हुए ही खत्म करना पड़ा। हार्दिक के करीबियों के अनुसार, वे अनशन जारी रखना चाहते थे, लेकिन डॉक्टरों की सलाह थी कि वे अनशन खत्म करें क्योंकि उनके स्वास्थ्य पर इस अनशन का बूरा असर पड़ रहा है। डॉक्टरों की सलाह मानते हुए ही हार्दिक को अनशन खत्म करने का फैसला लेना पड़ा।