हार्दिक का गैर जमानती वारंट रद्द, 5000 के बॉन्ड पर मिली जमानत

हार्दिक का गैर जमानती वारंट रद्द, 5000 के बॉन्ड पर मिली जमानत

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-26 08:32 GMT
हार्दिक का गैर जमानती वारंट रद्द, 5000 के बॉन्ड पर मिली जमानत

डिजिटल डेस्क, गांधीनगर। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को गुजरात के मेहसाणा की विसनगर सेशन कोर्ट से राहत भरी खबर मिली है। कोर्ट ने उन्हें 5000 के बॉन्ड पर जमानत दे दी। इससे पहले बुधवार को विसनगर कोर्ट ने हार्दिक पटेल, लालजी पटेल और 5 अन्य के खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी किया था। जिसके बाद हार्दिक ने कहा था, "अगर पुलिस मुझे गिरफ्तार करना चाहती है, तो मैं सरेंडर करने के लिए तैयार हूं।" हालांकि एक चैनल से बातचीत में हार्दिक ने ये भी कहा था कि अगर मुझे गिरफ्तार किया गया तो आंदोलन और तेज होगा। बता दें कि साल 2015 में बीजेपी विधायक के ऑफिस में तोड़फोड़ करने के मामले में कोर्ट में पेश नहीं होने पर सेशन कोर्ट ने हार्दिक पटेल, लालजी पटेल और अन्य के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था।

हार्दिक ने ट्वीट कर दी जानकारी

कोर्ट से वारंड कैंसिल होने की जानकारी खुद हार्दिक पटेल ने ट्वीट के जरिए दी। गुजराती भाषा में किए गए ट्वीट में हार्दिक ने बताया कि उनका वारंट कोर्ट ने रद्द कर दिया है। इससे पहले हार्दिक पटेल के वकील ने कोर्ट में हार्दिक की अदालत में पेशी से छूट की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था और गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया था। 

 

 

किस मामले में जारी हुआ था वारंट? 
 
दरअसल, साल 2015 में बीजेपी विधायक ऋषिकेश पटेल के ऑफिस में तोड़फोड़ की गई थी। इस तोड़फोड़ में हार्दिक पटेल और लालजी पटेल का नाम भी शामिल है। इस मामले में विसनगर कोर्ट ने हार्दिक पटेल समेत सभी को कोर्ट में पेश होने को कहा था, लेकिन हार्दिक लगातार दूसरी बार भी कोर्ट में पेश नहीं हुए। जिसके बाद विसनगर सेशन कोर्ट के जज वीपी अग्रवाल ने पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, सरदार पटेल ग्रुप के कॉर्डिनेटर लालजी पटेल और  5 अन्य के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था। 

गिरफ्तारी हुई तो तेज होगा आंदोलन: हार्दिक
 
गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद पाटीदार आंदोलन अनामत कमेटी के कॉर्डिनेटर हार्दिक पटेल ने एक प्राइवेट न्यूज चैनल से बातचीत में चेतावनी देते हुए कहा था कि, अगर मेरी गिरफ्तारी की गई, तो फिर से आंदोलन तेज होगा। हार्दिक ने कहा था, "इसी केस में मुझे पहले जमानत मिल चुकी है। मुझे कोर्ट पर पूरा विश्वास है और आज मैं किसी कारण से कोर्ट में पेश नहीं हो पाया था।" उन्होंने आगे कहा, "हमारे खिलाफ उस समय गैर जमानती वारंट जारी किया गया है, जब चुनाव की घोषणा हो चुकी है। अगर मेरी गिरफ्तारी हुई, तो आंदोलन और तेज होगा। इस आंदोलन में मेरे साथ लाखों हार्दिक है।"

कब शुरू हुआ था पाटीदार आंदोलन? 

पाटीदार आंदोलन की शुरुआत जुलाई 2015 में शुरू हुई थी। उस समय पाटीदार से जुड़े कई संगठनों ने पाटीदार कम्यूनिटी को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) में शामिल किए जाने की मांग को लेकर राज्य में आंदोलन चलाया था। वहीं युवाओं ने भी हार्दिक पटेल की अध्यक्षता में पाटीदार अनामत आंदोलन कमेटी का गठन किया और हार्दिक पटेल एक युवा नेता बनकर उभरे। जुलाई में शुरू हुआ ये आंदोलन अगस्त में उस वक्त हिंसक हो गया, जब पुलिस ने हार्दिक पटेल को हिरासत में ले लिया। हार्दिक को हिरासत में लेते ही राज्य में पाटीदार आंदोलन उग्र हो गया। इसके बाद कई इलाकों में तोड़फोड़ और आगजनी हुई। 100 से ज्यादा गाड़ियों और करीब 20 पुलिस थानों को आग के हवाले कर दिया गया था। इसके अलावा ट्रेन की पटरियों को भी उखाड़ दिया गया था। हालांकि हिरासत में लेने के बाद माहौल बिगड़ता देख पुलिस ने हार्दिक पटेल को घंटे भर में ही छोड़ दिया था।

हार्दिक क्यों नहीं लड़ सकते चुनाव?

पाटीदार नेता हार्दिक पटेल इस बार का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ सकते। इसका कारण कुछ और नहीं बल्कि उनकी उम्र है। भारतीय संविधान के मुताबिक, भारत के किसी भी नागरिक को चुनाव लड़ने के लिए कम से कम 25 वर्ष का होना जरूरी है, लेकिन हार्दिक अभी 24 साल के ही हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 84(ख) में यह प्रावधान है कि लोकसभा या विधानसभा निर्वाचन के लिए उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 25 वर्ष होनी चाहिए। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 36(2) के साथ पठित संविधान के अनुच्छेद 173(ख) के द्वारा विधान सभाओं के उम्मीदवार होने के लिए यही प्रावधान है।

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