BJP सरकार का दांव, गुजरात में 625 करोड़ का बिजली बिल माफ

BJP सरकार का दांव, गुजरात में 625 करोड़ का बिजली बिल माफ

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-18 19:16 GMT
BJP सरकार का दांव, गुजरात में 625 करोड़ का बिजली बिल माफ
हाईलाइट
  • BJP सरकार ने मंगलवार को गुजरात में ग्रामीणों का 650 करोड़ रुपए का बिजली बिल माफ करने का ऐलान कर दिया।
  • कांग्रेस ने बीजेपी सरकार के इस फैसले पर निशाना साधा है।
  • गुजरात सरकार के इस फैसला का फायदा 6.22 लाख लोगों को मिलेगा।

डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनते ही किसानों के कर्ज माफी की घोषणा कर दी गई है। 2019 में होने जा रहे लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस सरकार की इस घोषणा ने बीजेपी पर दबाव बढ़ा दिया है। ऐसे में अब BJP सरकार ने मंगलवार को गुजरात में 625 करोड़ रुपए का बिजली बिल माफ करने का ऐलान कर दिया। गुजरात सरकार के इस फैसला का फायदा 6.22 लाख लोगों को मिलेगा। शहरी क्षेत्र में BPL और नॉन BPL दोनों कार्ड धारकों को वन टाइम सेटलमेंट स्कीम का फायदा मिलेगा। हालांकि इंटस्ट्रिज इस स्कीम का अंतर्गत नहीं आएंगी।

गुजरात में 20 तारीख को जशदन उपचुनाव के लिए वोट भी डाले जाने हैं। माना जा रहा है कि बीजेपी ने चुनाव से ठीक पहले इसी वजह से ये घोषणा की है। ताकि लोकसभा चुनाव के साथ-साथ उपचुनाव में भी इसका फायदा मिल सके। गुजरात सरकार के उर्जा मंत्री सौरभ पटेल ने कहा, आईपीसी की धारा 124 और 135 के तहत बिल न भरने या बिजली चोरी करने की वजह से जितने भी लोगों की लाइनें काटी गई थी अब वह दोबारा से जोड़ दी जाएंगी। इसके लिए बस 500 रुपए की फीस भरना होगा। वन टाइम सेटलमेंट स्कीम के लिए सभी वाणिज्यिक, रिहायशी और कृषि बिजली कनेक्शनों के 18 दिसंबर तक के बकाया पर एक बार छूट के पात्र माने जाएंगे। यह छूट 19 दिसंबर, 2018 से 28 फरवरी, 2019 तक उपलब्ध होगी। ये फैसला तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। उन्होंने कहा कि इसका फायदा किसान, गरीब और मिडिल क्लास लोगों को मिलेगा। 

 

 

उधर, कांग्रेस ने बीजेपी सरकार के इस फैसले पर निशाना साधा है। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा कि मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार अगर किसान का कर्ज माफ कर सकती है तो गुजरात की विजय रुपानी सरकार ये कदम क्यों नहीं उठाती है। उन्होंने बिजली बिल माफ करने को सरकार की दोगली नीति बताई। दोशी ने कहा कि ये सरकार की दोगली नीति है कि वे किसानों का कर्ज माफ करने के बजाय बिजली का बिल माफ कर रहे हैं।

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