मुस्लिम आरक्षण के नाम पर जनता को धोखा दे रहे हैं तेलंगाना सीएम : गुलाम नबी आजाद
मुस्लिम आरक्षण के नाम पर जनता को धोखा दे रहे हैं तेलंगाना सीएम : गुलाम नबी आजाद
- 'TRS जानती है कि कोर्ट 5% मुस्लिम आरक्षण को नकार चुकी है
- 12% आरक्षण का तो सवाल ही नहीं उठता'
- 'साल 2004 में कांग्रेस ने मुस्लिमों को 5% आरक्षण देने का वादा किया था
- लेकिन कोर्ट ने उनके फैसले को खारिज कर दिया था।'
- तेलंगाना सरकार ने इस साल अप्रैल में पास किया था 12% मुस्लिम आरक्षण वाला बिल
डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने तेलंगाना सरकार द्वारा अप्रैल में पास किए गए 12% मुस्लिम आरक्षण के बिल को राज्य की जनता के साथ धोखा बताया है। उन्होंने कहा है कि तेलंगाना सीएम केसीआर को पता है कि इतना आरक्षण संभव नहीं है लेकिन फिर भी उन्होंने यह बिल पास कराया ताकि मुस्लिम वोटों को ठगा जा सके। उन्होंने कहा, "तेलंगाना राष्ट्रीय समिति (TRS) यह अच्छे से जानती है कि कोर्ट पहले ही 5% मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव को नकार चुकी है। इसके बाद भी TRS चीफ केसीआर ने मुस्लिमों को 12% आरक्षण देने के लिए अप्रैल में बिल पास कराया। वे यह जानते थे कि कोर्ट इसे रद्द कर देगा। यह सिर्फ मुस्लिम वोटों को ठगने के लिए उठाया गया कदम था। यह तेलंगाना की जनता के साथ एक तरह का धोखा है।"
गुलाम नबी आजाद ने बताया, "साल 2004 में कांग्रेस ने मुस्लिमों को 5% आरक्षण देने का वादा किया था। दिवंगत सीएम राजशेखर रेड्डी ने पहली बार मुस्लिम आरक्षण पर यह बड़ा फैसला लिया था, लेकिन कोर्ट ने 5% आरक्षण देने के उनके फैसले को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने मुस्लिम आरक्षण को महज 4% तक सीमित रखने का आदेश दिया था।"
गुलाम नबी ने कहा कि TRS ने राज्य में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह कदम उठाए हैं। यह सिर्फ जनता को ठगने के लिए हैं। तेलंगाना की जनता को ऐसे धोखों से सावधान रहना चाहिए।
बता दें कि अप्रैल में तेलंगाना सरकार ने राज्य में मुस्लिमों और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण बढ़ाने वाला बिल पास किया था। इसके अनुसार राज्य में शिक्षा क्षेत्र और सरकारी नौकरियों में मुस्लिमों को 12% और अनुसूचित जनजातियों को 10% आरक्षण दिया जाना है।