पंजाब के गैंगस्टर आतंकवादी नहीं, बल्कि खतरा हैं
पंजाब पंजाब के गैंगस्टर आतंकवादी नहीं, बल्कि खतरा हैं
- खालिस्तान आंदोलन को पुनर्जीवित
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। पंजाबी सिंगर शुभदीप सिंह सिद्धू उर्फ सिद्धू मूसेवाला की हत्या ने पंजाब में गैंगस्टरों की बढ़ती संख्या की ओर ध्यान खींचा है। 553 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करने वाले पंजाब से पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों द्वारा विस्फोटक चीजें और नशीले पदार्थों की वृद्धि हो रही है।
अधिकारियों की मानें तो पाकिस्तान आईएसआई इस समय पंजाब में पूर्ण खालिस्तान आंदोलन को पुनर्जीवित करने के बजाय ड्रोन का इस्तेमाल कर पूरे देश में आतंकवादी हमले करवाने पर ज्यादा जोर दे रहा है।
हाल ही में हुई हत्याओं और आतंकी हमलों की जांच टीम का हिस्सा रहे एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर आईएएनएस को बताया कि मूसेवाला हत्याकांड अकाली दल के नेता विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्की मिड्दुखेड़ा की सनसनीखेज हत्या से जुड़ा हो सकता है। यह खालिस्तान समर्थक गतिविधियों को पुनर्जीवित करने के प्रयास कम और गिरोह से संबंधित अपराध में बढ़ोतरी के तौर पर ज्यादा देखा जा रहा है।
संगठित गैंग्स और अपराधियों की कोई खालिस्तानी विचारधारा नहीं है। इनमें से ज्यादातर गैर-सिख हैं और पंजाब के मालवा क्षेत्र की सीमा से लगे क्षेत्रों से संबंधित हैं। हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के सीमावर्ती राज्यों ने एक दशक लंबे विद्रोह को नहीं देखा है, जब 1980 के दशक में पंजाब में 20,000 से अधिक लोगों की जान चली गई थी।
अधिकारी ने कहा कि अब राजनीतिक संरक्षण के साथ गैंगस्टर आतंकवाद की आड़ में पैसा कमा रहे हैं। चिंता का विषय यह है कि उनमें से ज्यादातर संगठित गिरोह हैं और सीमा पार से हथियार हासिल करने के लिए आतंकी मॉड्यूल के संपर्क में हैं। मूसेवाला और मिद्दुखेड़ा की हत्याओं से पहले, नकोदर में एक अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी की हत्या कर दी गई थी। राज्य में मादक पदार्थों की तस्करी की घटनाएं बढ़ रही है।
उच्च पदस्थ खुफिया अधिकारी मानते हैं कि जर्मनी, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, यूके, कनाडा और अमेरिका में बसे खालिस्तान समर्थक भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को भंग करने के इरादे से अपने स्तर पर अभियान चला रहे हैं। पिछले महीने पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर ग्रेनेड से हमला किया गया था। इस हमले के पीछे खालिस्तानी आतंकवादी हरविंदर सिंह रिंडा का हाथ माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि उसके निर्देश पर कुछ गैंगस्टर्स ने यह हमला किया था, जो अब पाकिस्तान में हो सकते है।
डीजीपी ने हाल ही में कहा था कि राज्य में गैंगस्टर से संबंधित हत्याओं में बढ़ोतरी हुई है। आंकड़े बताते हैं कि इस साल के पहले 100 दिनों के दौरान राज्य में 158 हत्याएं हुई हैं। उन्होंने कहा कि 11 अप्रैल तक राज्य में गैंगस्टर से संबंधित छह हत्याएं हुई हैं। इन मामलों में शामिल 24 आरोपियों के पास से 7 पिस्तौल, 18 कारतूस और 7 वाहन बरामद किए गए। गैंगस्टर और पंजाब की जेलों के बीच अजीब संबंध है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 16 मार्च से 10 मई तक चलाए गए विशेष अभियान के दौरान जेल में बंद कैदियों के पास से कुल 710 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि विदेशों में पंजाब के गैंगस्टर्स की बढ़ती मौजूदगी को देखते हुए केंद्र सरकार को उनके प्रत्यर्पण के लिए दबाव बनाना चाहिए।
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