पूर्व केंद्रीय गृह सचिव के बयान से उठे सवाल, पंजाब पुलिस ही नहीं SPG और IB को भी ठहराया चूक के लिए जिम्मेदार
सुरक्षा में चूक का दोषी कौन? पूर्व केंद्रीय गृह सचिव के बयान से उठे सवाल, पंजाब पुलिस ही नहीं SPG और IB को भी ठहराया चूक के लिए जिम्मेदार
- पायलट वाहन पीएम केवाहन से एक किमी आगे चलता है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को पंजाब दौरे पर गए थे। लेकिन हुसैनीवाला जाते वक्त कुछ प्रदर्शनकारियों द्वारा रास्ता रोक लिए जाने के बाद वे वापस आ गए है। इसके बाद से लगातार सुरक्षा पर सवाल उठाए जा रहे है। इसी बीच पंजाब पुलिस के साथ ही SPG और IB भी बड़े सवाल उठाये हैं। उन्होंने कहा है कि सुरक्षा को लेकर पंजाब पुलिस के साथ ही SPG और IB भी जिम्मेदार हैं।
पंजाब पुलिस पर तंज
पूर्व केंद्रीय गृह सचिव जीके पिल्लई ने पंजाब पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि ब्लू बुक में साफ तौर पर लिखा है कि रास्ता खुला रखने की जिम्मेदारी राज्य पुलिस की है। उन्होंने कहा कि जब पीएम यात्रा करते हैं, तब पायलट वाहन उनके वाहन से एक किमी आगे चलता है। और अगर पायलट वाहन ने सामने सड़क जाम की स्थिति देखी थी। तो तत्काल इसकी सूचना पीएम के काफिले और एसपीजी को देनी थी।
सड़क रास्ते से जाने पर सवाल
आजतक के मुताबिक जीके पिल्लई ने पीएम मोदी के 100 किमी का सफर, सड़क के रास्ते से जाने को लेकर भी सवाल उठाये है। पिल्लई ने कहा कि किसान आंदोलन को देखते हुए प्रधानमंत्री को सड़क के रास्ते जाना गलत सलाह थी। साथ ही उन्होनें कहा कि इंटेलिजेंस ब्यूरो को और अधिक अलर्ट पर रहने की जरूरत है।
दरअसल आपको बता दें पीएम नरेंद्र मोदी बुधवार को पंजाब के दौरे पर गए हुए थे. सड़क रास्ते से हुसैनीवाला जाते समय कुछ प्रदर्शनकारियों ने पीएम के काफिला का रास्ता रोक लिया था। इसके बाद प्रधानमंत्री का काफिला यहां एक ब्रिज पर 15 से 20 मिनट तक रुका रहा। जिसे सुरक्षा के लिहाज से बड़ी चूक बताया जा रहा है।
इस मामले को लेकर गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से रिपोर्ट मांगी है। और गृह मंत्रालय का इस मामले को लेकर कहना है कि पंजाब पुलिस के द्वारा ब्लू बुक का पालन नहीं किया गया। जिसको लेकर भी पंजाब पुलिस पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा
शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा को लेकर हुई चूक के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान राज्य और केंद्र को इस मामले पर मिलकर जांच लिए के लिए संयुक्त कमेटी बनाने की सिफारिश की। आपको बता दें सुनवाई के दौरान केंद्र और पंजाब सरकार ने एक दूसरे की जांच कमेटी पर सवाल उठाए थे।