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Update: 2020-10-13 17:07 GMT
हाईलाइट
  • पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती 434 दिन बाद हिरासत से रिहा

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को 434 दिन बाद रिहा कर दिया है। पिछले साल 5 अगस्त को जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म किया गया था उस वक्त से मुफ्ती हिरासत में थी। महबूबा मुफ्ती अब शुक्रवार के दिन 16 अक्टूबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी। पीडीपी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी महबूबा की रिहाई पर ट्वीट कर खुशी जाहिर की है।

 

 

जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने जुलाई में महबूबा मुफ्ती की नजरबंदी तीन महीने बढ़ा दी थी। मुफ्ती की रिहाई सुप्रीम कोर्ट की सुनवई के दो हफ्ते बाद हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस सुनवाई के दौरान जम्मू-कश्मीर प्रशासन से पूछा था कि क्या पीएसए के तहत पूर्व मुख्यमंत्री की नजरबंदी को एक साल और बढ़ाया जा सकता है। यदि हां, तो आप इसे कब तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को तय की है। बता दें कि महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा ने अपनी मां की नज़रबंदी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसने 29 सितंबर को मामले की सुनवाई की था।

मुफ्ती को पहले क्रिमिनल प्रोसिजर (सीआरपीसी) की धारा 107 और 151 के तहत हिरासत में लिया गया था और बाद में सार्वजनिक सुरक्षा कानून के तहत बुक किया गया था। उन्हें चेशमा शाही गेस्ट हाउस में रखा गया था और फिर श्रीनगर के एमए लिंक रोड में एक अन्य सरकारी गेस्ट हाउस में शिफ्ट कर दिया गया था। पीडीपी अध्यक्ष को बाद में उनके आवास पर नजरबंद रखा गया था।

क्या है पब्लिक सेफ्टी एक्ट?
1990 के दशक की शुरुआत में जब राज्य में उग्रवाद भड़का तो पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) लाया गया था। PSA के तहत हिरासत की एक आधिकारिक समिति समय समय पर समीक्षा करती है और इसे उच्च न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है। PSA सरकार को 18 साल से ऊपर के किसी भी व्यक्ति को तीन महीने तक बिना मुकदमा चलाए रखने की अनुमति देता है। 2011  से पहले 16 साल से ऊपर के किसी भी व्यक्ति पर PSA लगाया जा सकता था।

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