देश की पहली महिला DGP कंचन चौधरी भट्टाचार्य का निधन, लंबे समय से थीं बीमार

देश की पहली महिला DGP कंचन चौधरी भट्टाचार्य का निधन, लंबे समय से थीं बीमार

Bhaskar Hindi
Update: 2019-08-27 09:41 GMT
देश की पहली महिला DGP कंचन चौधरी भट्टाचार्य का निधन, लंबे समय से थीं बीमार
हाईलाइट
  • उत्तराखंड और देश की पहली महिला डीजीपी कंचन चौधरी भट्टाचार्य का निधन
  • लंबे समय से बीमार भट्टाचार्य ने मुंबई के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली

डिजिटल डेस्क, देहरादून। दबंग आईपीएस और देश की पहली महिला पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कंचन चौधरी भट्टाचार्य का सोमवार रात निधन हो गया। लंबे समय से बीमार भट्टाचार्य ने मुंबई के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) अशोक कुमार ने कंचन चौधरी भट्टाचार्य के निधन की जानकारी दी।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कंचन चौधरी भट्टाचार्य के निधन पर शोक व्यक्त किया है। कंचन ने सेवानिवृत्ति के बाद 2014 के लोकसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी के टिकट पर हरिद्वार से चुनाव लड़कर राजनीति में कदम रखा था। केजरीवाल ने ट्वीट किया, देश की पहली महिला डीजीपी कंचन चौधरी भट्टाचार्य के निधन के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ। वह अपनी सेवानिवृत्ति के बाद सार्वजनिक जीवन में सक्रिय रहीं और अंतिम सांस तक देश की सेवा करना चाहती थीं। उनकी बहुत याद आएगी।

कंचन चौधरी भट्टाचार्य 1973 बैच की भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की यूपी कैडर की अधिकारी थीं, बाद में वे उत्तराखंड चली गईं। 2004 में कंचन चौधरी भट्टाचार्य को उत्तराखंड में जब पुलिस महानिदेशक बनाया तो वे देश के किसी राज्य की पहली महिला डीजीपी थीं। कंचन चौधरी 31 अक्टूबर 2007 को उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक पद से सेवा निवृत्त हुई थीं।

उन्होंने 2014 में राजनीति में भी कदम रखा, लेकिन दबंग पूर्व महिला आईपीएस को नेतागिरी रास नहीं आई और उन्होंने राजनीति में ज्यादा वक्त गंवाए बिना ही पांव वापिस खींच लिए। देश की दूसरी महिला आईपीएस रहीं कंचन चौधरी (72) मूल रूप से हिमाचल प्रदेश की रहने वाली थीं।

हालांकि उन्होंने शुरुआती शिक्षा पंजाब के अमृतसर में स्थित राजकीय महिला महाविद्यालय से पूरी की, उसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर किया। एक जमाने में दूरदर्शन का सर्वाधिक चर्चित रहा धारावाहिक उड़ान कंचन चौधरी भट्टाचार्य की ही जिंदगी पर आधारित था, जिसका निर्माण उनकी बहन कविता चौधरी ने बनाया था।

कंचन चौधरी भट्टाचार्य को 2004 में मेक्सिको में आयोजित इंटरपोल सभा में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए भी भेजा गया था। जबकि 1997 में उन्हें प्रतिष्ठित सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पदक से भी नवाजा गया। अपनी पूर्व डीजीपी की मृत्यु की खबर सुनते ही उत्तराखंड पुलिस में शोक की लहर दौड़ गयी। उत्तराखंड पुलिस ने राज्य पुलिस के अधिकृत फेसबुक पेज पर भी उनकी तस्वीर लगाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

गौरतलब है कि कंचन चौधरी भट्टाचार्य कुछ महीने पहले देहरादून प्रवास के दौरान साइकिल से गिरकर जख्मी हो गई थीं। उसके बाद उन्हें लंबे समय तक बिस्तर पर ही रहना पड़ा था। कुछ महीने पहले वे मुंबई में पति के पास चली गईं थीं। अंतिम समय में वो मुंबई में ही थीं। कंचन की दो बेटियां हैं।

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