Farmers Protest: किसानों का ऐलान, 18 फरवरी को देशभर में 12 से 4 बजे तक रेल रोको आंदोलन
Farmers Protest: किसानों का ऐलान, 18 फरवरी को देशभर में 12 से 4 बजे तक रेल रोको आंदोलन
- 12 फरवरी से राजस्थान में सभी टोल फ्री किए जाएंगे
- किसान 18 फरवरी को देशभर में 4 घंटे रेल रोकेंगे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान 26 नवंबर 2020 से प्रदर्शन कर रहे हैं। भारत बंद, ट्रैक्टर रैली और चक्का जाम के बाद अब किसानों ने 18 फरवरी को देशभर में 12 से 4 बजे तक रेल रोको आंदोलन का ऐलान किया है।
संयुक्त किसान मोर्चा के डॉ. दर्शन पाल ने कहा कि इस दिन दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक ट्रेनें रोकी जाएंगी। किसानों ने 12 फरवरी से राजस्थान में सभी टोल फ्री करने का ऐलान भी किया है। इसके बाद 14 फरवरी को पुलवामा हमले में शहीद जवानों के बलिदान को याद करते हुए देशभर में कैंडल मार्च, मशाल जुलूस और अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
बता दें कि आज ही पीएम मोदी ने किसानों के साथ वार्ता की अपील दोहराई है। उन्होंने कहा, मैं एक बार फिर आंदोलन कर रहे किसानों से अपील करता हूं कि वह बातचीत के लिए आएं और हम सब मिलकर समस्याओं का समाधान करें। पीएम मोदी ने कहा, किसानों के पवित्र आंदोलन को बर्बाद करने का काम आंदोलनकारियों ने नहीं, आंदोलनजीवियों ने किया है। इसलिए देश को आंदोलनकारियों और आंदोलनजीवियों के बारे में फर्क करना बहुत जरूरी है।
पीएम ने कहा, देश में एक बहुत बड़ा वर्ग है, इस वर्ग की पहचान है, टॉकिंग द राइट थिंग (सही बात कहने में कोई बुराई भी नहीं) हैं। लेकिन इस वर्ग के लोग डूइंग द राइट थिंग वालों से नफरत करते हैं। ये चीजों को सिर्फ बोलने में विश्वास रखते हैं। अच्छा करने मे उनको भरोसा ही नहीं है। वहीं पीएम ने ये भी कहा कि कृषि के अंदर जितना निवेश बढ़ेगा, उतना ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। हमने कोरोना काल में किसान रेल का प्रयोग किया है। यह ट्रेन चलता-फिरता एक कोल्ड स्टोरेज है।
बता दें कि पिछले 26 नवंबर से किसान तीन कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली एनसीआर के बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं। किसान और सरकार के बीच अब तक 11 दौर की वार्ता हुई, लेकिन कोई ठोस हल नहीं निकल पाया। किसानों ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, वो वापस नहीं जाएंगे। ऐसे में किसानों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकाली जिसमें जमकर हिंसा देखने को मिली थी। प्रदर्शनकारियों ने लाल किले पर चढ़कर अपना धार्मिक झंडा तक लगा दिया था।