दिल्ली हिंसा मामला: पुलिस बोली- भड़काऊ भाषण पर FIR दर्ज करने का सही समय नहीं, 13 अप्रैल तक टली सुनवाई
दिल्ली हिंसा मामला: पुलिस बोली- भड़काऊ भाषण पर FIR दर्ज करने का सही समय नहीं, 13 अप्रैल तक टली सुनवाई
- अब मामले की अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होगी
- दिल्ली पुलिस ने कहा- भड़काऊ भाषणकर्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की है
- भड़काऊ बयानों को लेकर एफआईआर से जुड़ी याचिका पर सुनवाई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली हिंसा (Delhi Violence) मामले में आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने अदालत में जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है। अब मामले की अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होगी। वहीं कोर्ट ने गृहमंत्रालय को हिंसा मामले में पक्षकार बनाए जाने की दलील को मंजूरी दे दी है। सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस के प्रतिनिधि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि याचिकाकर्ता ने अपने विवेक से सिर्फ तीन भड़काऊ भाषणों का चयन किया है। ऐसे और भी भड़काऊ भाषण मौजूद हैं।
दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट के बताया कि उन्होंने किसी भी भड़काऊ भाषणकर्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की है। ये फैसला दिल्ली में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए जरूरी था। दिल्ली पुलिस ने बताया कि उन्होंने नॉर्थ ईस्ट दिल्ली हिंसा मामले में अबतक 48 एफआईआर दर्ज की है।
Delhi violence case: Delhi High Court asks Centre to file a response in the case and lists the matter for April 13 pic.twitter.com/Lg5v2ap5Mz
— ANI (@ANI) February 27, 2020
दिल्ली पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार किए गए सभी 106 लोग स्थानीय है। बरामद सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अन्य लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस ने यह भी बताया कि उन्हें बाहरी लोगों के कुछ दृश्य मिले हैं। उनकी पहचान जारी है। इधर बुधवार को दिल्ली हिंसा (Delhi Violence) की सुनवाई करने वाले जज एस.मुरलीधर (Justice Muralidhar) का तबादला हो गया।
एफआईआर दर्ज करने के निर्देश
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने बुधवार को पुलिस को हिंसा भड़काने के मामले में तीन राजनीतिक नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा भड़काने के लिए बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur), कपिल मिश्रा (Kapil Mishra) और प्रवेश वर्मा (Pravesh Verma) को गिरफ्तार करने की मांग के साथ दायर की गई याचिका पर जस्टिस मुरलीधर और जस्टिस तलवंत सिंह की खंडपीठ ने सुनवाई की। इस दौरान मुरलीधर ने कहा कि हम एक और 1984 नहीं चाहते हैं।
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18 एफआईआर दर्ज, 106 लोग गिरफ्तार
उत्तर-पूर्वी दिल्ली (North-East Delhi) जिले में भड़की हिंसा के मामले में पुलिस ने बुधवार तक 18 एफआईआर अलग-अलग थानों में दर्ज कर ली हैं। अब तक हिंसा फैलाने वालों में जिन आरोपियों की पहचान हुई है, उनमें से 106 को गिरफ्तार कर लिया गया है। दिल्ली पुलिस ने बुधवार शाम को पुलिस मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस-कान्फ्रेंस में यह जानकारी दी। पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक, जो 18 एफआईआर दर्ज की गई हैं, उनमें आरोपियों की तलाश की जा रही है। सीसीटीवी की मदद से पहचान करके अन्य आरोपियों की धर-पकड़ के लिए छापामारी जारी है। जल्दी कई और लोग गिरफ्तार कर लिए जाएंगे। दिल्ली पुलिस प्रवक्ता ने आगे कहा कि हिंसा के दौरान छतों से पथराव हो रहा था। इन छतों पर ड्रोन से नजर रखी जा रही है। कई छतों पर ईंट-पत्थरों का जमावाड़ा नजर आया। पुलिस फोर्स ने ऐसी छतों की सफाई करा दी। उपद्रवियों की पहचान सीसीटीवी से भी की जा रही है।
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हिंसा के लिए एमआईएम नेता पठान जिम्मेदार : वसीम
शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) ने दिल्ली में तीन दिनों से हो रही हिंसा के लिए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेता वारिस पठान (Waris Pathan) को जिम्मेदार ठहराया है। रिजवी ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि वारिस पठान के बयान के कारण ही लोग उग्र हो गए हैं। उन्होंने शाहीनबाग में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध पर तंज किया और कहा कि ये हिंसा शाहीनबाग में बैठीं दादियों और नानियों की जिहालत का नतीजा है।