दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई अधिकारी, देशमुख के वकील को नहीं दी जमानत
दस्तावेज लीक मामला दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई अधिकारी, देशमुख के वकील को नहीं दी जमानत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने शनिवार को महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के वकील आनंद डागा और सीबीआई जांच अधिकारी उप-निरीक्षक अभिषेक तिवारी को दस्तावेज लीक मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया।अदालत ने भ्रष्टाचार के एक मामले में देशमुख के खिलाफ जांच को भटकाने के लिए गोपनीय दस्तावेज लीक करने का आरोप लगाने वाले एक मामले के संबंध में यह आदेश दिया। न्यायमूर्ति योगेश खन्ना ने अपना आदेश जारी करते हुए कहा कि वर्तमान प्राथमिकी में आरोप सबूतों से छेड़छाड़ पर आधारित है। उन्होंने कहा, जांच के प्रारंभिक चरण को देखते हुए, मैं इस स्तर पर याचिका दायर करने वालों को जमानत देने के लिए इच्छुक नहीं हूं। प्राथमिकी के अनुसार जांच रिपोर्ट तैयार करने में जांच अधिकारी की सहायता कर रहे अभिषेक तिवारी के पास संवेदनशील दस्तावेज थे।
प्राथमिकी में कहा गया है कि 28 जून को, वह जांच के लिए पुणे गए और जांच-पड़ताल के बारे में जानकारी देने के लिए सह-आरोपी डागा से मिला। उन्होंने कथित तौर पर मामले की जांच से जुड़े विभिन्न दस्तावेजों जैसे कार्यवाही ज्ञापन, सीलिंग-अनसीलिंग ज्ञापन, बयान, जब्ती ज्ञापन आदि की प्रतियां डागा और एक अज्ञात व्यक्ति के साथ कई मौकों पर व्हाट्सएप के माध्यम से साझा कीं। सीबीआई ने डागा को मुंबई से और तिवारी को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। बाद में, डागा के मामले को ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली की एक अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया। दोनों के वकीलों ने तर्क दिया कि आरोपी को केवल चार दिन की रिमांड दी गई और निचली अदालत ने इसे बढ़ाने से इनकार कर दिया। वकीलों ने जमानत देने के लिए दायर की गई अपनी याचिका में कहा कि याचिकाकर्ता 40 दिनों के लिए हिरासत में हैं और सीबीआई ने उनसे पूछताछ के लिए एक आवेदन भी दायर नहीं किया है। हालांकि, जांच एजेंसी ने कहा कि याचिका दायर करने वाले लोगों द्वारा किए गए अपराध प्रकृति में गंभीर हैं और अगर आरोपी के वकील और जांच अधिकारी किसी को लाभ पहुंचाने के लिए हाथ मिलाते हैं तो कोई जांच आगे बढ़ ही नहीं सकती है।
(आईएएनएस)