दिल्ली हाईकोर्ट ने एएफआई को अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा
नई दिल्ली दिल्ली हाईकोर्ट ने एएफआई को अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा
- महासंघ को सक्रिय रूप से उनकी भागीदारी पर विचार करने के लिए कहा गया है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) को अपने फैसले पर पुनर्विचार करने और बर्मिंघम राष्ट्रमंडल गेम्स 2022 के लिए राष्ट्रीय टीम में हाई जम्पर तेजस्विन शंकर को शामिल करने को कहा। भारत के हाई जंप राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक शंकर ने राष्ट्रमंडल गेम्स 2022 की टीम से बाहर होने के बाद दिल्ली होईकोर्ट का दरवाजा खटखटा था। पिछले सप्ताह चयन समिति की बैठक में महासंघ द्वारा चुने गए 37 नामों की सूची में उन्हें शामिल नहीं किया गया था।
उनके वकील वकील मलक भट्ट ने आईएएनएस को बताया, कोर्ट ने दर्ज किया है कि वह इस वर्ष के प्रमुख दावेदार हैं और उनसे ऊपर केवल दो एथलीट हैं, जो दुनिया में बेहतर छलांग लगाते हैं। उन्होंने एएफआई द्वारा निर्धारित योग्यता अंकों को ही पूरा किया। महासंघ को सक्रिय रूप से उनकी भागीदारी पर विचार करने के लिए कहा गया है।
उन्होंने आगे कहा, यह आज एक प्रगतिशील आदेश के बाद देखते हैं कि शुक्रवार को क्या होता है क्योंकि एएफआई कह रहा था कि उनके पास 36 एथलीटों का कोटा है जिसे वे पार नहीं कर सकते हैं, लेकिन हाई जंप कूद का प्रतिनिधित्व कम है। हाईकोट ने इसे नोट किया। दिल्ली के रहने वाले शंकर अमेरिका के कंसास स्टेट यूनिवर्सिटी में बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई कर रहे हैं और 2017 से चार साल की एथलेटिक्स स्कॉलरशिप पर हैं। याचिका में याचिकाकर्ता ने दलील दी कि राष्ट्रमंडल गेम्स की टीम से उन्हें बाहर करने का एएफआई का फैसला मनमाना, अवैध और राष्ट्रीय हित के खिलाफ है।
महासंघ का निर्णय राष्ट्रीय हाई जंप रिकॉर्ड धारक (2.29 मीटर) होने और हाल ही में 10 जून तक 2.27 मीटर की छलांग के साथ 2.27 मीटर के एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एएफआई) योग्यता मानक को पूरा करने वाला एकमात्र भारतीय है।
आईएएनएस
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