Delhi Elections: दिल्ली में 62.59 प्रतिशत मतदान, चुनाव आयोग ने कहा- रात तक चली वोटिंग, इसलिए हुई देरी

Delhi Elections: दिल्ली में 62.59 प्रतिशत मतदान, चुनाव आयोग ने कहा- रात तक चली वोटिंग, इसलिए हुई देरी

Bhaskar Hindi
Update: 2020-02-09 15:35 GMT
हाईलाइट
  • चुनाव आयोग ने कहा
  • डेटा एकत्रित करने में लगा समय
  • लोकसभा चुनाव से दो प्रतिशत ज्यादा मतदान हुआ

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोटिंग प्रतिशत को लेकर चुनाव आयोग ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस बताया कि इस बार दिल्ली में कुल 62.59 फीसदी मतदान हुआ है। यह लोकसभा चुनाव से दो फीसदी ज्यादा है। दिल्ली कैंट में सबसे कम मतदान 45.4 फीसदी हुआ, जबकि बल्लीमारान सीट पर सबसे ज्यादा 71.61 प्रतिशत मतदान हुआ। चुनाव आयोग ने बताया कि दिल्ली में रात तक वोटिंग जारी थी और देर रात तक डेटा इकट्ठा किया जा रहा था। इस कारण वोटिंग प्रतिशत घोषित करने में देरी हुई।

बता दें कि इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आंकड़ों के जारी होने को लेकर चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा था कि "चुनाव आयोग क्या कर रहा है? मतदान के कई घंटे बाद भी वे मतदान के आंकड़े जारी क्यों नहीं कर रहे हैं? आयोग द्वारा आंकड़े न जारी करना आश्चर्यजनक है।"

 

दिल्ली के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) रणवीर सिंह ने कहा कि शनिवार को दिल्ली में 62.59% मतदान हुआ। यह लोकसभा चुनाव में हुए मतदान से 2% ज्यादा है। हालांकि, इस बार 2015 के विधानसभा चुनाव की तुलना में करीब 5% कम वोटिंग हुई। आंकड़े जारी करने में देरी के सवाल पर उन्होंने कहा कि मतदान का डेटा रिटर्निंग ऑफिसर दर्ज कराते हैं। रातभर वे व्यस्त रहे और इसके बाद सुरक्षा के इंतजामों में जुट गए। डेटा एंट्री करने में थोड़ा ज्यादा वक्त लगा, लेकिन यह बेहद जरूरी था, ताकि आंकड़े सटीक रहें।

आयोग ने सुरक्षा खामियों पर संज्ञान लिया
मतदान के दौरान सुरक्षा खामियों के मुद्दे पर सिंह ने कहा कि कुछ घटनाएं हुई हैं, जिनसे चुनाव आयोग को महसूस हुआ कि पुलिस प्रशासन को ज्यादा मुस्तैद रहना चाहिए था। इसीलिए, चुनाव आयोग ने घटना का संज्ञान लिया है।

आप ने ईवीएम की सुरक्षा पर जताई चिंता 
मतदान के बाद आप ने एक बैठक की थी। इसमें ईवीएम की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी। आप सांसद संजय सिंह ने रविवार को कहा कि 70 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ होगा कि चुनाव आयोग ये बताने को तैयार नहीं कि कितने प्रतिशत मतदान हुआ। इसका मतलब कहीं कुछ दाल में काला है, कोई खेल चल रहा है अंदर ही अंदर। 
 

 

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