सीमा सील: सुप्रीम कोर्ट का फैसला- NCR के लिए कॉमन पास बनाएं दिल्ली-यूपी-हरियाणा राज्य
सीमा सील: सुप्रीम कोर्ट का फैसला- NCR के लिए कॉमन पास बनाएं दिल्ली-यूपी-हरियाणा राज्य
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना लॉकडाउन के कारण दिल्ली-एनसीआर की सीमाएं सील हैं जिसकी वजह से लोगों को आने-जाने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इसी समस्या को लेकर दायर की गई एक जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई की और एनसीआर क्षेत्र के लिए कॉमन पास बनाने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा, दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के लिए एक ही पास होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, एनसीआर क्षेत्र में आवाजाही के लिए एक कॉमन पोर्टल बनाया जाए। इसके लिए सभी स्टेक होल्डर मीटिंग करें और एनसीआर के लिए कॉमन पास जारी करें।
Supreme Court asks Union of India (UoI) to convene a meeting of representatives/officials from Uttar Pradesh, Delhi and Haryana, and to try to evolve a common policy for movement of commuters between the three states in Delhi-NCR region. pic.twitter.com/nR9qWuT5sv
— ANI (@ANI) June 4, 2020
एक नीति, एक रास्ता और एक पोर्टल
दिल्ली एनसीआर में अंतर्राज्यीय यात्रा करने से जुड़े मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा, इसके लिए एक समान नीति, एक कॉमन पोर्टल और एक अंतर-राज्यीय यात्रा पास होना चाहिए। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम.आर. शाह की पीठ ने आम आदमी से जुडे मुद्दे को हल करने के लिए केंद्र को एक सप्ताह का समय दिया है। पीठ ने केंद्र से दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में आने-जाने वाले यात्रियों के आवागमन की प्रक्रिया के लिए एक समान नीति बनाने के लिए उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा की बैठक बुलाने के लिए भी कहा है। न्यायमूर्ति कौल ने जोर दिया कि एनसीआर क्षेत्र के लिए, एक नीति, एक रास्ता और एक पोर्टल की आवश्यकता है।
कोर्ट में दायर की गई याचिका में तर्क दिया गया था कि एनसीआर के निवासी जिनके परिवार के सदस्य एनसीआर के भीतर अंतर्राज्यीय सीमा के दोनों ओर निवास करते हैं, उन्हें सीमाओं पर उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। खास तौर से चिकित्सा आपात स्थिति में उन्हें अस्पतालों या स्वास्थ्य पेशेवरों तक पहुंचने में दिक्कत हो रही है। याचिका में आरोप लगाया गया कि एनसीआर के भीतर सीमाओं को सील करना, गृह मंत्रालय (एमएचए) के नए दिशानिर्देशों का उल्लंघन है।