रूस यूक्रेन जंग के बीच तेल पर छिड़ी बहस, 2+2 वार्ता में भारतीय विदेश मंत्री ने अमेरिका को दिया करारा जवाब
रूस-यूक्रेन तनाव रूस यूक्रेन जंग के बीच तेल पर छिड़ी बहस, 2+2 वार्ता में भारतीय विदेश मंत्री ने अमेरिका को दिया करारा जवाब
- भारत से ज्यादा रूसी तेल खरीदते है यूरोप
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच रूस से तेल आयात को लेकर दुनियाभर के देशों के बीच बहस छिड़ी गई हैं। वार के बीच अमेरिका तेल आयात करने वाले कई देशों को नसीहत देरहा है। इसी सिलसिले में अमेरिका यात्रा पर गए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने टू प्लस टू वार्ता के दौरान अमेरिका को आयातित तेल मामले पर करारा जवाब दिया है।
रूस से तेल आयात पर एस जयशंकर का जवाब
भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि भारत रूस से जितना तेल एक माह में खरीदता है, उतना तेल तो यूरोपीय देश आधे दिन में खरीद लेता हैं। विदेश मंत्री के मुताबिक भारत की एक महीने में की गई खरीदी रूसी तेल की कुल खरीद में यूरोप की एक दोपहर की तुलना में बहुत कम है। सख्त लहेजे में जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा भारत की ओर ध्यान देने की अपेक्षा देशों को यूरोप पर अधिक फोकस करना चाहिए क्योंकि यूरोप रूस से अधिक तेल खरीदता हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि हम कुछ एनर्जी है रूस से खरीदते हैं जो आंकड़ों में यूरोपीय आयातीत की अपेक्षा बहुत कम हैं। विदेश मंत्री ने रूस यूक्रेन जंग को लेकर कहा हम हिंसा को तुरंत खत्म करना चाहते हैं, इसके लिए हर प्रकार के सहयोग योगदान के तत्पर हैं। भारत कम से कम 13 मिलियन बैरल रूसी कच्चे तेल को रियायती दर पर खरीदा
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातचीत हुई इस दौरान राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि भारत अमेरिका द्वारा रूस पर लगाए प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं कर रहा है, चूंकि रूस से ऊर्जा आयात पर बैन नहीं हैं। इस वीसी में दोनों नेताओं ने कई क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की।
ये सब बातें तब की जा रही है जब रूस यूकेन जंग के कारण रूस पर दुनियाभर के प्रतिबंध लगे हुए हैं। रूस पर पश्चिमी देशों के विरोध के बाद भी भारत ने ऐतिहासिक संबंधों को ध्यान में रखते हुए अभी तक रूस के साथ खड़ा है। अमेरिका की ओर से रूस के खिलाफ लाए गए कई प्रस्तावों की वोटिंग में भारत ने शुरू से ही समर्थन किया। भारत का कहना है कि कूटनीति और बातचीत से ही शांति का मार्ग प्रश्सत होगा।
आपकी जानकारी के लिए बता दें भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता और आयातक है वो अपने 80 फीसदी तेल का आयात रूस से करता है लेकिन उनमें से महज 2 से 3 फीसदी तेल ही रूस से खरीदता है। यूक्रेन युद्ध के चलते रूसी संस्थाओं पर पश्चिमी देशों ने कड़े प्रतिबंध लगाए हुए हैं।