मजदूरों की जिंदगी से खेलता लॉकडाउन: 10 दिन में ट्रेन और सड़क हादसे में हुई 77 प्रवासी मजदूरों की मौत
मजदूरों की जिंदगी से खेलता लॉकडाउन: 10 दिन में ट्रेन और सड़क हादसे में हुई 77 प्रवासी मजदूरों की मौत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लागू किया गया है। इसके सबसे ज्यादा प्रभाव प्रवासी मजदूरों और गरीबों पर हो रहा है। उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया। इस कारण वह अपने-अपने गांवों की तरफ पलायन कर रहे हैं। सरकार द्वारा उनके लिए श्रमिक ट्रेनें भी चलाई जा रही है। लेकिन इसके बावजूद मजदूर सड़क हादसों का शिकार हो रहे हैं। पिछले 10 दिनों में 77 मजदूरों की मौत हो गई और 150 से ज्यादा घायल हो गए हैं।
5 मई को मथुरा जिले में भरतपुर मार्ग पर उमरी गांव के पास तेज रफ्तार ट्रक और ऑटो के बीच जोरदार टक्कर हो गई। इस हादसे में सात श्रमिकों की मौत हो गई, जबकि दो लोग घायल हुए हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे में मारे गए सातों लोग मध्य प्रदेश के छतरपुर के रहने वाले थे। मृतकों में चार महिलाए भी शामिल हैं। ये सभी लॉकडाउन के कारण मथुरा में फंसे हुए थे।
8 मई को औरंगाबाद-जालना रेलवे ट्रैक पर पटरी पर सो रहे एक दर्जन से अधिक प्रवासी मजदूरों के ऊपर से ट्रेन गुजर गई। इस हादसे में करीब 16 मजदूरों की मौत हो गई, जबकि तीन लोग घायल हो गए। सभी मजदूर मध्य प्रदेश के शहडोल व उमरिया जिले के निवासी थे।
10 मई को मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में आम से भरा एक ट्रक पलट गया, जिससे उसमें सवार पांच मजदूरों की मौत हो गई। वहीं 13 लोग घायल हुए है, जिनमें से तीन की हालत गंभीर बनी हुई है। यह मजदूर ट्रक में छुपकर हैदराबाद से उत्तर प्रदेश के बाराबंकी व कानपुर जा रहे थे।
उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में 13 मई यानि बुधवार देर रात तेज रफ्तार बस ने प्रवासी मजदूरों को कुचल दिया। इस हादसे में 6 लोगों की मौत जबकि 4 लोग घायल हो गए। ड्राइवर को गिरफ्तार करने के बाद उसका मेडिकल टेस्ट कराया गया। रिपोर्ट में पता चला कि वह नशे में था। पंजाब में काम करने वाले मजदूर देर रात पैदल सहारनपुर से होते हुए मुजफ्फरनगर की ओर जा रहे थे।
बिहार में 14 मई को मजदूर सड़क हादसे का शिकार हो गए। समस्तीपुर में शंकर चौक के पास बस और ट्रक की टक्कर में कम से कम 2 लोगों की मौत हो गई जबकि 12 लोग घायल हो गए। बस मुजफ्फरपुर से कटिहार जा रही थी। इसमें करीब 32 प्रवासी मजदूर सवार थे।
वहीं गुरुवार यानि 14 मई को भी गुना में मजदूरों से भरे ट्रक और एक बस के बीच जोरदार टक्कर हो गई। जिससे करीब 9 मजदूरों की मौत हो गई जबकि, 54 लोग घायल हो गए हैं। ये सभी प्रवासी मजदूर अपने परिवार के साथ ट्रक पर सवार होकर महाराष्ट्र से अपने घर उत्तर प्रदेश जा रहे थे। बुधवार देर रात मध्य प्रदेश के गुना में उनका वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि ट्रक के परखच्चे उड़ गए। 8 मजदूरों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
मध्यप्रदेश के गुना में 15 मई को सड़क हादसे में तीन श्रमिकों की मौत हो गई। ये मजदूर महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश की ओर जा रहे थे। गुना बाइपास पर हुई इस सड़क दुर्घटना में करीब 14 लोग घायल भी हो गए हैं। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और घायलों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया।
मध्य प्रदेश में सागर जिले के बांदा के पास 16 मई को प्रवासी मजदूरों से भरा एक ट्रक पलट गया। इस सड़क दुर्घटना में पांच लोगों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि, ये मजदूर महाराष्ट्र से अपने घर उत्तर प्रदेश के लिए निकले थे और रास्ते में ही हादसे का शिकार हो गए।
उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में 16 मई शनिवार सुबह एक भीषण हादसा हुआ है। यहां डीसीएम और ट्रक के बीच जबरदस्त टक्कर में 24 मजदूरों की मौत हो गई, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हो गए। हादसा तड़के 3:30 बजे मिहौली नेशनल हाईवे पर हुआ है। घायलों को जिला अस्पताल रेफर किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतक मजदूरों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये जबकि घायलों भी 50 हजार रुपये का मुआवजा देने की सिफारिश की है।