लद्दाख: सीमा पर शहीद कर्नल संतोष बाबू की मां ने कहा- बेटे पर गर्व, देश के लिए दिया सर्वोच्च बलिदान
लद्दाख: सीमा पर शहीद कर्नल संतोष बाबू की मां ने कहा- बेटे पर गर्व, देश के लिए दिया सर्वोच्च बलिदान
डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। पूर्वी लद्दाख में सोमवार की रात चीनी सेना से हुई झड़प में भारत के एक कर्नल समेत 20 सैनिक शहीद हो गए। देश की रक्षा करते शहीद हुए कर्नल बी. संतोष बाबू के माता-पिता ने अपने इकलौते बेटे की शहादत पर गर्व होने की बात कही है। कर्नल की मां ने कहा, हमें गर्व है, हमारे बेटे ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है।
इकलौता बेटा खोने का दुख भी है- कर्नल की मां
कमांडिंग ऑफिसर संतोष बाबू तेलंगाना के सूर्यपेट जिले के रहने वाले थे। संतोष बाबू की मां मंजुला ने कहा, मुझे दुख भी है और साथ ही मैं गर्व भी महसूस कर रही हूं। मेरे बेटे ने देश के लिए अपना जीवन कुर्बान कर दिया है। एक मां के रूप में मैं दुखी हूं। वह मेरा इकलौता बेटा था।
नौ साल की बेटी, चार साल का बेटा
संतोष अपने पीछे पत्नी, नौ साल की बेटी और चार साल के बेटे को छोड़कर गए हैं। मंगलवार दोपहर बेटे के शहीद होने की खबर सुनकर उनके माता-पिता को विश्वास ही नहीं हुआ और वे स्तब्ध रह गए। मंजुला ने कहा, हमारी बहू दिल्ली में है और उसे सोमवार रात को ही सूचित किया गया था। हमें दोपहर में खबर मिली।
पहले विश्वास ही नहीं हुआ कि बेटा खो दिया- कर्नल के पिता
संतोष के पिता उपेंद्र सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी हैं। उन्होंने कहा, हम विश्वास करने के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन कहा गया कि यह सच है। हमने अपना बेटा खो दिया है। उन्होंने याद किया कि, संतोष 6वीं कक्षा में सैनिक स्कूल में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा, मैं सेना में सेवा करना चाहता था, लेकिन मैं अपना यह लक्ष्य हासिल नहीं कर पाया। मुझे अपने बेटे के माध्यम से अपने सपने को पूरा किया। वह बहुत प्रतिभाशाली था और उसे 15 साल की सेवा में कई पदोन्नति मिली।
कोरोना के कारण ट्रांसफर में हुई देरी
संतोष 16 बिहार रेजिमेंट में थे और पिछले डेढ़ साल से भारत-चीन सीमा पर तैनात थे। उन्होंने अपने माता-पिता से कहा था, उन्हें जल्द ही हैदराबाद स्थानांतरित कर दिया जाएगा, लेकिन कोविड-19 संकट के कारण इस प्रक्रिया में देरी हुई।
कर्नल ने मां को बताई थी बॉर्डर की स्थिति
मां मंजुला ने कहा, मैंने आखिरी बार उससे रविवार रात को बात की थी। बातचीत के बाद दोनों सेनाओं के वापस आने की खबरों के बारे में पूछा। उसने मुझसे कहा कि मुझे इन खबरों पर विश्वास नहीं करना चाहिए, क्योंकि बातचीत अलग है और जमीनी हकीकत अलग है। उसने कहा, स्थिति गंभीर है। मैंने उसे उसका ख्याल रखने के लिए कहा था।