Budget: बजट पर चर्चा के लिए पीएम ने पार्टियों से किया आह्वान
Budget: बजट पर चर्चा के लिए पीएम ने पार्टियों से किया आह्वान
- 1 फरवरी को वित्तमंत्री पेश करेंगी आम बजट
- शुक्रवार से शुरू होगा बजट सत्र-2020
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि सरकार संसद के आगामी बजट सत्र में सभी मुद्दों पर चर्चा करेगी। वह 31 जनवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र की पूर्व संध्या पर सर्वदलीय बैठक को संबोधित कर रहे थे। अपने समापन भाषण में प्रधानमंत्री ने अधिकांश संसद सदस्यों के सुझावों का स्वागत किया कि सत्र को देश की आर्थिक स्थिति पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
उन्होंने कहा, ज्यादातर संसद सदस्यों ने देश की आर्थिक स्थिति पर चर्चा कराने के लिए कहा है। मैं इसका स्वागत करता हूं और हमें आपके द्वारा सुझाए गए आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ने सदस्यों से आग्रह किया कि वे देखें कि देश मौजूदा वैश्विक आर्थिक परिदृश्य से कैसे लाभान्वित हो सकता है। उन्होंने कहा, हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि हम वैश्विक परिदृश्य को भारत के पक्ष में कैसे मोड़ सकते हैं।
मैं आपके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर सहमत हूं: मोदी
मोदी ने कहा, इस बजट सत्र में और नए साल की शुरुआत में अगर हम देश की अर्थव्यवस्था को सही दिशा दे सकते हैं, तो यह देश के लिए बेहतर होगा। सदस्यों द्वारा उठाए गए अन्य मुद्दों पर प्रधानमंत्री ने कहा, मैं आपके द्वारा उठाए गए अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर आप सभी से सहमत हूं, और मैं कहना चाहूंगा कि ऐसे सभी मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने सदस्यों से आग्रह किया कि वे सत्र और संसद की उपयोगिता बढ़ाने में योगदान दें।
यह सत्र और संसद की उपयोगिता के बारे में है
पिछले दो सत्रों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, यह सत्र और संसद की उपयोगिता के बारे में है। पिछले दो सत्रों में हमने बढ़ी हुई उपयोगिता और इसके पक्ष में लोगों की प्रतिक्रिया को देखा है। जन प्रतिनिधियों के रूप में, सदन की उपयोगिता को बढ़ाना हमारी जिम्मेदारी है, हालांकि हम सभी मुद्दों पर खुलकर चर्चा करते हैं।
बैठक में ये रहे मौजूद
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी, संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल और वी. मुरलीधरन सहित सभी दलों के सदस्य बैठक में शामिल हुए। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि अधिक ध्यान आर्थिक मुद्दों पर होना चाहिए, ताकि देश को मौजूदा वैश्विक स्थिति से लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि संसद की उपयोगिता को बढ़ाना प्रत्येक संसद सदस्य की जिम्मेदारी है।