Bhiwandi Building Collapse: भिवंडी इमारत ढहने से मरने वालों की संख्या 22 पहुंची, बचाव कार्य जारी
Bhiwandi Building Collapse: भिवंडी इमारत ढहने से मरने वालों की संख्या 22 पहुंची, बचाव कार्य जारी
- 750 जर्जर इमारतों की सूची में थी यह बिल्डिंग
- मृतकों के परिजनों को 5 लाख की राहत राशि
- राहत और बचाव काम में तेजी
डिजिटल डेस्क, ढाणे। महाराष्ट्र में ढाणे जिले के भिवंडी इलाके में सोमवार को बहुमंजिला इमारत ढहने की घटना के बाद से अब तक 22 लोगों की मौत होने की पुष्टि हुई है। वहीं, एनडीआरएफ और दमकल विभाग की टीम ने मलबे से अब तक 20 लोगों को सुरक्षित जिंदा निकाला है। इनमें 10 पुरुष, 9 महिलाएं और एक बच्चा शामिल है। घटना स्थल पर अभी भी राहत और बचाव का काम किया जा रहा है।
मृतकों के परिजनों को 5 लाख की राहत राशि
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को घटनास्थल का जायजा लिया और अस्पताल में घायलों से मुलाकात कर बेहतर इलाज का भरोसा दिया है। एकनाथ शिंदे ने हादसे में जान गंवाने वाले के परिवार को पांच लाख रुपए की आर्थिक मदद देने का भी ऐलान किया है। बताया गया कि इस इमारत को 5 फरवरी को नोटिस खाली करने का नोटिस दिया गया था, लेकिन लोगों ने इमारत को खाली नहीं किया।
राहत और बचाव काम में तेजी
सोमवार सुबह 3 बजकर 40 मिनट पर धमनकर नाका के पास पटेल कंपाउंड में इमारत उस वक्त गिर गई, जब सब लोग सोए हुए थे। हादसे की जानकारी मिलते ही एनडीआरएफ की टीम तत्काल मौके पर पहुंची। उसने मलबे में फंसे लोगों को बाहर निकालना शुरू किया। इस दौरान मलबे से एक छोटे बच्चे का भी रेस्क्यू किया गया। उसकी हालत ठीक नहीं थी तो उसे तत्काल अस्पताल भेज दिया गया।
750 जर्जर इमारतों की सूची में थी यह बिल्डिंग
बता दें कि टेक्सटाइल कारोबार के लिए मशहूर भिवंडी के धामनकर नाके के पास पटेल कंपाउंड की यह तीन मंजिला इमारत रात 3.40 बजे अचानक ढह गई थी। भिवंडी-निजामपुरा शहर के मनपा आयुक्त डॉ. पंकज आशिया के अनुसार, यह इमारत जर्जर इमारतों की सूची में थी। नगर निगम ने इसे खाली करने की नोटिस दे रखी थी। एक आंकड़े के अनुसार अकेले भिवंडी कस्बे में 750 से अधिक इमारतें जर्जर एवं खतरनाक घोषित की जा चुकी हैं, लेकिन ज्यादातर में अभी भी लोग रह रहे हैं।
मुंबई में हाल ही में जर्जर इमारतों के ढहने से 27 लोगों की मौत
कुछ ही दिनों पहले 25 अगस्त को मुंबई के निकट ही रायगढ़ जनपद में एक पांच मंजिला इमारत ढहने से 13 लोग मारे गए थे। उससे पहले मुंबई के ही कांदीवाली इलाके में इसी वर्ष पांच मई को एक इमारत ढहने से 14 लोग मारे गए थे। दक्षिण मुंबई में भी ऐसी कई इमारतें हैं, जिन्हें रहने के लिए खतरनाक घोषित किया जा चुका है।